धार्मिक ग्रंथों में श्राद्ध पक्ष का विशेष महत्व बताया गया है। ब्रह्म पुराण के अनुसार, मृत्यु देवता
पितृ दोष शब्द का अर्थ 'पितर' से है, जिसका अर्थ है "पूर्वज"। अतः यह पितृ शब्द वंश को परिभाषित करता है। पितृ दोष का मतलब पूर्वजों के निमित्त अतीत में किये गए गलत कार्यों के कारण होता है। जिस भी व्यक्ति के पूर्वजों ने कोई अपराध, गलती या पाप किया हो उसकी कुंडली में पितृ दोष होता है।
शास्त्र कहते है कि मृत्यु के बाद पितरों की आत्मा को प्रसन्न करने के लिए श्राद्ध, तर्पण आदि किया जाता है। जो पितर अपने बच्चों के श्राद्ध और तर्पण से प्रसन्न होते हैं, वे उन्हें आशीर्वाद में धन एवं सुख-समृद्धि प्रदान करते है। ऐसा माना जाता है कि जो लोग पितृ पक्ष के दौरान श्राद्ध नहीं कर पाते हैं उन्हें कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। यदि आप भी पितृ दोष से संबंधित समस्याओं से पीड़ित हैं, तो उनका आशीर्वाद पाने के लिए इन अचूक उपायों का पालन कर सकते हैं। पितृ पक्ष में यह उपाय अत्याधिक फलदायी माना जाता है-
पितृदोष यंत्र खरीदेंश्राद्ध पक्ष (Pitra Dosh Remedies) के दौरान पितृ दोष से मुक्त होने के उपाय (pitra dosh upay) निम्न प्रकार से है-
हमेशा याद रखें कि पूर्वजों की तस्वीरे दक्षिण पश्चिम दीवार के कोने में लगानी चाहिए। इसके साथ ही यह भी सुनिश्चित करें कि उनकी यह फोटो मुस्कुराती हुई हो। यदि कोई व्यक्ति ऐसा करता है तो उसके पूर्वज उससे सदैव प्रसन्न रहेंगे और साथ ही उनका आशीर्वाद भी मिलेगा।
हमारे पुराणों के अनुसार भगवान की पूजा से पहले अपने पितरों की पूजा करनी चाहिए। ऐसा इसलिए क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे भगवान प्रसन्न होते हैं। यही कारण है की हमें अमावस्या और श्राद्ध के दिनों में तर्पण करना चाहिए। साथ ही, ब्राह्मणों और गरीबों को भोजन और दक्षिणा दान करना चाहिए। ऐसा करने पितरों की आत्मा को शांति मिलती है।
पितृ दोष, पितृ ऋण और पितृ श्राप को दूर करने के लिए पितृ दोष निवारण यंत्र बहुत लाभदायक माना जाता है। इस यंत्र के पूजन से न केवल आपकी पूर्वजों की आत्मा को शांति मिलेगी बल्कि वह आपके पुरे परिवार को आशीर्वाद प्रदान करेंगे। पितृ दोष के संबंध में आपके किसी ज्योतिष से सलाह ले सकते है। वे आपको इस यंत्र की दिशा के बारे में उचित जानकारी देंगे।
पितृदोष यंत्र खरीदेंत्रिपंडी श्रद्धा किसी प्रियजन को श्रद्धांजलि है जिसका निधन हो गया हो। त्रिपिंडी श्राद्ध से पिछली तीन पीढ़ियों से जुड़ा होता है। यदि परिवार की पिछली तीन पीढ़ियों में से किसी एक की मृत्यु कम उम्र या वृद्धावस्था में हो जाती है, तो हमें उसकी आत्मा के लिए त्रिपंडी श्राद्ध करना चाहिए। पितरों की दिवंगत आत्माएं को मोक्ष प्रदान करने और आत्मा की शांति के लिए त्रिपिंडी श्राद्ध किया जाता है।
तो, यहां कुछ उपाय (pitra dosh upay) दिए गए हैं जिनका उपयोग आप श्राद्ध पक्ष के दौरान कर सकते हैं। इस उपाय को प्रयोग करने से पहले आप अपने पंडित या किसी अच्छे ज्योतिषी से सलाह ले सकते हैं।
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