गणेश चतुर्थी कहें या गणेशोत्सव, विनायक चतुर्थी कहें या गणपति जन्मोत्सव, न जाने कितने ही नामों से सम्बोधित किये जाने वाला भगवान गणेश को समर्पित यह त्यौहार पुरे देश में बहुत जोश और उत्साह के साथ मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी का यह उत्सव लगभग 10 दिनों तक मनाया जाता है, जिसकी शुरुआत अधिकांश घरों में मूर्ति स्थापना के साथ की जाती है। इस त्यौहार का समापन अनंत चतुर्थी के दिन गणेश विसर्जन के साथ होता है। कोरोना वायरस महामारी के चलते पिछले 2 वर्षो से यह त्यौहार कोविड प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए मनाया जा रहा था, लेकिन साल 2022 में स्थिति सामान्य होने के चलते भारत के विभिन्न शहरों और राज्यों में यह त्यौहार धूमधाम से मनाया जाएगा।
आइये जानते है कि कैसे भारत के विभिन्न शहरों में गणेश चतुर्थी मनाई जाती है:-
मुंबई शहर बप्पा की नगरी मानी जाती है। इस पर्व की दौरान ‘गणपति बप्पा मोरया, मंगल मूर्ति मोरया’ के नारे से पूरा मुंबई शहर गूंज उठता है और चारों ओर एक अलग ही वातावरण का अनुभव होता है। यदि गणेश चतुर्थी के समय आप इस शहर में हैं, तो प्रसिद्ध पंडाल जैसे लालबागचा राजा, खेतवाड़ी गणराज, गणेश गली मुंबईचा राजा और अंधेरीचा राजा आदि देखने के लिए जा सकते है। गणेशोत्सव के 10 वें और आखिरी दिन विशेष कार्यकर्मों का आयोजन किया जाता है और फिर गाजे-बाजे के साथ मूर्ति को अरब सागर में ले जाकर विसर्जित कर दिया जाता है।
महाराष्ट्र की ही तरह, इसके पड़ोसी राज्य गोवा में भी बड़े हर्षोल्लास के साथ गणेश चतुर्थी का त्यौहार मनाया जाता हैं। इस त्यौहार के दौरान लोग अपने घरों की साफ़ सफाई करते है और रिश्तेदारों और दोस्तों के साथ मिलकर उत्सव की तैयारियां शुरू कर देते हैं। गोवा के दो प्रमुख स्थान मार्शल और मापुसा में मौजूद कई मंदिरों में विस्तृत रूप से गणेश चतुर्थी मनाई जाती है। देश भर से काफी संख्या में भक्त और पर्यटक गोवा में आयोजित किये जाने वाले रंगारंग कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए आते है।
भारत की राजधानी दिल्ली में गणेश चतुर्थी के अवसर पर आपको सांस्कृतिक और पारंपरिक के एक सुंदर झलक देखने की मिलती है। दिल्ली में कुछ स्थानों पर भगवान गणेश की विशाल मूर्तियों भी देखने को मिलती है, इसके साथ ही यहां के लोकप्रिय मंदिरों में पुजारियों के द्वारा वेदों और उपनिषदों के मंत्र आदि भी सुनने को मिलते है। गणेश चतुर्थी के अवसर पर पंडालों को रचनात्मक रूप से सजाया जाता है, जिनकी ख़ूबसूरती देखते ही बनती है। इन पांडालों में लोग मस्ती में भगवान गणेश के जन्म का जश्न मनाते हुए नज़र आते है।
इस सूचि में अगला शहर हैदराबाद है। हैदराबाद की बात की जाए तो यहां भी गणेश चतुर्थी बड़े उत्साह के साथ मनाई जाती है। 10 दिवसीय गणेश चतुर्थी का यह उत्सव, लोगों को एकजुट करता है। हैदराबाद में विशाल पंडालों का निर्माण किया जाता है, जहां गणपति जी की बड़ी-बड़ी प्रतिमाएं स्थापित की जाती है। इस त्यौहार के दौरान यहां भगवान गणपति को प्रसाद के रूप में चावल के दलिये के साथ अंडरालु और कुदुमुलु जैसे विशेष व्यंजन चढ़ाए जाते है।
हैदराबाद में मनाएं जाने वाली गणेश चतुर्थी में एक खास बात यह भी है की, बहुत सालों से यहां के एक प्रसिद्ध मंडप, खैरताबाद में गणपति जी की सबसे ऊंची 60 फीट तक की मूर्ति स्थापित की जाती है और इस मूर्ति के बाएं हाथ में लगभग 5600 किलो का लड्डू रखा जाता है।
तमिलनाडु में गणेश चतुर्थी के समय भक्त विभिन्न मंदिरों में गणपति के दर्शन के लिए जाते हैं, और विशेष आरती और पूजा कर, इसे बड़े उत्साह के साथ मनाते हैं। दिल्ली और महाराष्ट्र की तरह तमिलनाडु में भी विशाल मंडप स्थापित किए जाते हैं, जहाँ लोगों के दर्शन और पूजा करने के लिए गणेश जी की विशाल मूर्तियाँ रखी जाती हैं।
इसके अलावा दक्षिण भारत के अन्य राज्यों में गणेश चतुर्थी से एक दिन पहले ‘गौरी हब्बा और गणेश हब्बा’ का पर्व मनाया जाता है। इस दिन विशेष तौर पर भगवान गणेश और मां गौरी की पूजा की जाती है। इस उत्सव के अनुसार भक्त द्वारा सबसे पहले माता गौरी का स्वागत किया जाता है और फिर अगले दिन गणपति जी का स्वागत किया जाता है।
हम इस गणेश चतुर्थी यहीं आशा करते है की गणपति बप्पा अपने आगमन पर अपने साथ ढेर सारी खुशियां लेकर आए और उनकी कृपा आप और आपके परिवार पर हमेशा बनी रहे। धर्मसार की ओर से आप सभी को गणेश चतुर्थी, 2022 की हार्दिक शुभकामनाएं।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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