ॐ नमः शिवाय! महाशिवरात्रि का पावन पर्व, देवों के देव महादेव और ब्रह्मांड के संहारक भोलेनाथ को समर्पित है। हिन्दू धर्म में महाशिवरात्रि के त्यौहार का अत्यधिक महत्व है। शास्त्रों के अनुसार, महाशिवरात्रि की रात शिव शम्भू स्वयं शिवलिंग में निवास करते हैं। इस विशेष पर्व पर किए गए दान, पूजा, तथा शिवलिंग की प्रतिष्ठापना का अत्यधिक पुण्य फल प्राप्त होता है।
महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो हर साल फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मनाया जाता है। मान्यता है की इसी दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था, जिससे यह पर्व खास महत्व रखता है। महाशिवरात्रि पर भगवान शिव की पूजा-अर्चना से समस्त संकटों का नाश होता है। इस दिन शिव भक्त खास तौर पर भोलेबाबा को दूध, दही, और बेलपत्र इत्यादि अर्पित करते है।
महाशिवरात्रि पूजा को सुख, समृद्धि, सौभाग्य और स्वास्थ्य प्रदान करने वाला माना गया है। इस विशेष अवसर पर हम महाशिवरात्रि 2025 की तिथि, शुभ मुहूर्त, चार प्रहर पूजा का समय और इस महापर्व से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी आपके साथ साझा कर रहे हैं।
हिन्दू पंचांग के अनुसार, फाल्गुन कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। ऐसे में इस साल, 26 फरवरी 2025 (mahashivratri 2025 date) को महाशिवरात्रि का यह पर्व मनाया जाएगा। महाशिवरात्रि तिथि (Mahashivratri 2025 Time) का समय इस प्रकार से है-
महाशिवरात्रि तिथि शुरुआत समय - 26 फरवरी 2025, प्रातः 11:08 बजे से
महाशिवरात्रि तिथि समापन समय - 27 फरवरी 2025, प्रातः 08:54 बजे तक
महाशिवरात्रि के दिन 4 प्रहर की पूजा का विशेष महत्व बताया गया है। महाशिवरात्रि पूजा के चार प्रहर (mahashivratri 2025 char prahar puja muhurat ) के समय इस प्रकार हैं- रात्रि प्रथम प्रहर पूजा का समय शाम 06:19 से रात 09:26 तक रहेगा। रात्रि द्वितीय प्रहर पूजा का समय 27 फरवरी को रात 12:34 से शुरू होकर 27 फरवरी को प्रातः 03:41 तक रहेगा।
इसके बाद, रात्रि तृतीय प्रहर पूजा का समय 27 फरवरी को प्रातः 12:34 से 03:41 तक निर्धारित किया गया है। वही रात्रि चतुर्थी प्रहर पूजा मुहूर्त प्रातः 03:41 से 06:48 तक रहेगा।
महाशिवरात्रि पर निशिता काल पूजा अत्यंत शुभ माना जाता है। भगवान शिव की पूजन के लिए यह बहुत उत्तम समय माना जाता है। इस वर्ष शिव पूजा के लिए निशिता काल मुहूर्त (mahashivratri 2025 nishita kaal puja muhurat) 27 फरवरी को देर रात 12:09 से प्रातः 12:59 तक रहेगा। इसके बाद, शिवरात्रि व्रत पारण का समय 27 फरवरी को सुबह 6:48 से 8:54 तक माना जा रहा है।
व्रत-उपवास
सनातन धर्म में बहुत सारे व्रत-त्यौहारों का उल्लेख है, इन सभी में से महा शिवरात्रि व्रत को बहुत ही महत्वपूर्ण माना जाता है। यह उपवास महा शिवरात्रि के दिन सूर्योदय से शुरू होता है और अगले दिन प्रातः काल तक यह व्रत समाप्त होता है। महाशिवरात्रि व्रत के दौरान भक्त बिना आहार के इस उपवास का पालन करते है।
शिव और माता पार्वती पूजन
कहा जाता है की महाशिवरात्रि व्रत का फल तभी प्राप्त होता है, जब विधि-विधान से भगवान पार्वती का पूजन किया जाए। इसी कारण महाशिवरात्रि के दिन मंदिरों और घरों में विशेष अनुष्ठान किए जाते हैं। इस दिन शिव भक्त खास तौर पर रुद्राभिषेक अनुष्ठान संपन्न करते है और शिवलिंग पर दूध, दही, शहद, घी, और जल से अभिषेक करते है।
रात्रि जागरण
रात्रि जागरण महाशिवरात्रि के मुख्य अनुष्ठानों में से एक है, जो इस पवित्र पर्व के सार का प्रतिनिधित्व करता है। ऐसे में शिव भक्त इस दिन रात को विशेष पूजन अनुष्ठान सम्पन्न करते है। इसके साथ ही भोलेबाबा की विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए शिव चालीसा, महामृत्युंजय पाठ, भजन कीर्तन करते है और भगवान शिव की उपासना करते हैं।
महाशिवरात्रि के पावन अवसर पर रुद्राक्ष धारण करना अत्यंत शुभ माना जाता है। इसके साथ आप अपने घर में चमत्कारी पारद शिवलिंग और नर्मदेश्वर शिवलिंग की भी स्थापना कर सकते है। इस शिवलिंग के पूजन से आपके घर में सुख-समृद्धि का आगमन तो होगा ही, साथ ही सभी प्रकार की नकारात्मक शक्तियों से भी रक्षा मिलेगी। धर्मसार की ओर से आप सभी को महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनाएं।