पितरों को समर्पित अमावस्या को हिन्दू धर्म में बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है। हिन्दू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह में एक अमावस्या आती है, हालांकि मार्गशीर्ष महीने में आने वाली माघ अमावस्या का खास महत्व माना जाता है। मार्गशीर्ष अमावस्या का यह शुभ दिन अपने गहन आध्यात्मिक और ज्योतिषीय महत्व के लिए जाना जाता है। शास्त्रों के अनुसार इस दिन स्नान-दान करने से शुभ फल मिलता है और पितरों का भी विशेष आशीर्वाद प्राप्त होता है।
धार्मिक परंपराओं के अनुसार, अमावस्या की तिथि पर हमारे पूर्वज पितृलोक से पृथ्वी परआते हैं। कहा जाता है की मार्गशीर्ष अमावस्या (margashirsha amavasya 2024) के दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए व्यक्ति श्राद्ध, पिंडदान जैसे अनुष्ठान करते है। आइए जानते है, मार्गशीर्ष अमावस्या 2024 की तिथि, समय, शुभ मुहूर्त व इससे जुड़ें उपाय-
हर साल मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष के 15वें तिथि के दिन मार्गशीर्ष अमावस्या का यह पर्व आता है। इस साल, 1 दिसंबर 2024 (kab hai margashirsha amavasya 2024) के दिन मार्गशीर्ष अमावस्या पड़ेगी।
बता दें की अमावस्या तिथि का प्रांरभ 30 नवंबर को प्रातः 10 बजकर 29 मिनट (margashirsha amavasya 2024 start time) से होगा। जिसके बाद इस अमावस्या तिथि का समापन 1 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट (margashirsha amavasya 2024 end time) पर हो जाएगा।
हिन्दू पंचांग के अनुसार मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन आप निम्नलिखित मुहूर्त (margashirsha amavasya snan daan Muhurat) पर दान धर्म और गंगा स्नान कर सकते है-
मार्गशीर्ष अमावस्या पूजा के लिए इस साल दो विशेष शुभ मुहूर्त उपलब्ध हैं। पहला मुहूर्त विजय मुहूर्त है, जो दोपहर 1:55 बजे से 2:37 बजे (margashirsha amavasya 2024 puja muhurat) तक रहेगा। दूसरा मुहूर्त गोधूलि मुहूर्त है, जो शाम 5:21 बजे से 5:48 बजे तक रहेगा।
•मार्गशीर्ष अमावस्या पर पितरों को प्रसन्न करने के लिए सांय काल के समय पीपल के नीचे सरसों के तेल का दीया जलाएं।
•मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन सही विधि से पूजा करें और पितृ स्तोत्र तथा पितृ कवच का पाठ करें। ऐसा करने से सभी प्रकार के पितृ दोष से मुक्ति मिलती है।
•अमावस्या के दिन दान को अधिक महत्व दिया गया है। ऐसे में मार्गशीर्ष अमावस्या (margashirsha amavasya upay in hindi) के दिन आप अन्न का दान कर सकते हैं। इससे जातक को पितरों का आशीर्वाद मिलता है।
•भाग्योदय के लिए मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन हनुमान जी को तिल अर्पित करें, दीपक जलाएं और फिर हनुमान जी की आरती करें। साथ ही, हनुमान चालीसा का पाठ भी अवश्य करें।
•मार्गशीर्ष अमावस्या के दिन, शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सरसो तेल में काले तिल डालकर चढ़ाएं और शनिदेव के मंत्रों का जाप जरूर करें। ऐसा करने से पितृ दोष के साथ शनिदोष से भी छुटकारा मिलता है।
Buy Pitra Dosh Nivaran Yantraइस सभी उपायों के अतिरिक्त आप मार्गशीर्ष अमावस्या (margashirsha amavasya 2024) के दिन घर में पितृ दोष निवारण यंत्र की स्थापना कर सकते हैं। पितृ दोष निवारण यंत्र (pitra dosh nivaran yantra) एक बहुत ही शक्तिशाली यंत्र है जिसकी सहायता से कुछ ही समय में पितृ दोष से जुड़ी सभी समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है। आप यहां दिए गए बटन पर क्लिक कर आसानी से घर बैठे ये यंत्र आर्डर कर सकते है।
डाउनलोड ऐप