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त्यौहार

Vrishabha Sankranti 2023 | वृषभ संक्रांति 2023| तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व व अनुष्ठान

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हिन्दू कैलेंडर में, वृषभ संक्रांति का त्यौहार एक नए माह के प्रांरभ को दर्शाता है। वृषभ संक्रांति के दौरान सूर्य का मेष राशि से वृषभ राशि में परिवर्तन होता है। मेष राशि से वृषभ राशि में सूर्य का परिवर्तन वृषभ संक्रांति के दौरान होता है। वृषभ संक्रांति सौर कैलेंडर में वर्णित वृषभ के मौसम की शुरुआत है। यह दिन उड़ीसा में बृष संक्रांति के रूप में प्रसिद्ध है। तमिल में इस पर्व को ‘वैगसी मासम’ के नाम से जाना जाता है तो वही मलयालम कैलेंडर में 'एडवम मास' के नाम से जाना जाता है।

Vrishabha Sankranti 2023 | वृषभ संक्रांति 2023| तिथि, शुभ मुहूर्त, महत्व व अनुष्ठान

हिन्दू पंचांग के अनुसार, वृषभ संक्रांति सूर्य के मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश का प्रतीक है। साथ ही, यह हिन्दू सौर कैलेंडर के अनुसार दूसरे महीने ज्येष्ठ की शुरुआत को भी दर्शता है। 'वृषभ' शब्द का अर्थ भगवान शिव के वाहन नंदी के रूप में जाने जाने वाले बैल से है। सनातन धर्म में गाय को सदा पूजनीय माना जाता है और गाय को पूजने की यह प्रथा अनंत काल से चली आ रही है। वृषभ संक्रांति (vrishabha sankranti 2023) का पर्व गाय माता को भी समर्पित होता है, यही कारण है इस दिन गाय दान करना शुभ माना जाता है।

आइये अब जानते है वृषभ सक्रांति जी तिथि, समय, महत्व व अनुष्ठान –


Vrishabha Sankranti Date 2023: वृषभ संक्रांति कब है?

ज्योतिषशास्त्र में संक्रांति के पर्व के दिन सूर्य एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करता है। जिस प्रकार भगवान सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करने को मेष सक्रांति कहा जाता है, उसी प्रकार मेष राशि से वृषभ राशि में प्रवेश को वृषभ संक्रांति के नाम से जाना जाता है। यह पर्व हिन्दू कैलेंडर के जयेष्ठ माह में मनाया जाता है।

इस साल शनिवार, 15 मई 2023 के दिन (vrishabha sankranti 2023 date) वृषभ संक्रांति का यह पर्व मनाया जाएगा। इस दिन दान-धर्म करने के साथ पितरों के निमित कार्य करने का भी विशेष महत्व मनाया जाता है।


Vrishabha Sankranti Shubh Muhurat: वृषभ संक्रांति शुभ मुहूर्त

संक्रांति मुहूर्त 15 मई 2023 11:49 AM
पुण्य काल मुहूर्त 15 मई, प्रातः 5:49 मिनट से 11 :49 मिनट तक
महा पुण्य काल मुहूर्त 15 मई, प्रातः 11:25 मिनट से 11: 49 मिनट तक

Significance of Vrishabha Sankranti: वृषभ संक्रांति का महत्व

• भारतीय वैदिक ज्योतिष में, संक्रांति का दिन अशुभ माना जाता है। यही कारण है कि संक्रांति के किसी भी तिथि पर कोई मांगलिक या शुभ कार्य करने को अशुभ माना जाता है।

• वृषभ संक्रांति का यह दिन तपस्या, दान और श्राद्ध कर्मों के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण और उपयुक्त माना जाता है। इस दिन अपने पूर्वजों के निमित्त श्राद्ध कर्म करने के साथ जरूरतमंदों को दान इत्यादि करने से बहुत से शुभ फलों की प्राप्ति होती है।

• वृषभ संक्रांति (vrishabha sankranti) के दिन से 9 दिनों तक चलने वाली नवतपा की भी शुरुआत होती है। यही कारण है कि इस दिन किसी भी प्याऊ में मिट्ठी के घड़े का दान करना चाहिए। इसके साथ ही आप अपने घर बाहर भी प्याऊ लगवाकर, लोगों को जल पिलाने का पुण्य भी कर सकते है।


वृषभ संक्रांति के लिए अनुष्ठान-

1. भक्त वृषभ संक्रांति पर भगवान विष्णु के मंदिरों में जाते है और भगवान नारायण के मंत्रो को जाप करते है।

2. वृषभ संक्रांति के दिन पर, खास तौर दान किया जाता है। इस दिन भक्तों के द्वारा दान करना बहुत कल्याणकारक माना जाता है।

3. वृषभ संक्रांति के दिन बहुत से भक्त 'वृषभ संक्रांति व्रत' भी रखते है। इस दिन वे सुबह जल्दी उठकर स्नान सकते है, और शिव के एक विशेष अवतार की पूजा करते है।

4. वृषभ संक्रांति के इस पावन दिन पर बहुत से भक्त पवित्र स्नान करते है और भगवान सूर्यदेव को अर्ग्य देते है। स्नान करने से साथ ही इस दिन बहुत से लोग अपने पूर्वजों को भी श्रद्धांजलि देते है और उन्हें समर्पित कर्मों को संपन्न करते है।


वृषभ संक्रांति(Vrishabha Sankranti 2023) के दिन पर आप भगवान वासुदेव को समर्पित ‘ॐ नमो भगवते वासुदेवाय’ का जाप कर सकते है। इसके साथ ही इस दिन आप अपने पूर्वजों को प्रसन्न करने लिए पितृ दोष निवारण यंत्र का पूजन भी कर सकते है।

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