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11 Amazing Facts about Lord Shiva | भगवान शिव से जुड़े 11 रोचक तथ्य

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हिन्दू धर्म में भगवान शिव सर्वाधिक पूजे जाने वाले देवताओं में से एक है। देवों के देव महादेव समस्त ब्रह्माण्ड को अपने अंदर समाएं हुए है। वे अनादि, महायोगी और आदिगुरु है। महादेव के बिना इस संसार को जानना असंभव सा प्रतीत होता है।

11 Amazing Facts about Lord Shiva | भगवान शिव से जुड़े 11 रोचक तथ्य

भगवान शिव की महिमा अनंत है। लेकिन क्या आप जानते है भगवान शिव के गण कौन है? उनके गले मे लिपटे हुए सर्प का क्या नाम है? यदि नहीं, तो आज का यह ब्लॉग आपको भोलेनाथ से जुड़े ऐसे ही कुछ रोचक तथ्यों के बारे मे जानकारी देता है, तो इसे अंत तक अवश्य पढ़े।


भगवान शिव के गण | Gans of Lord Shiva

भगवान शिव के साथ रहने वाले गण, उनके सबसे अधिक प्रिय बताए जाते है। इन गणों के शरीर का आकार बहुत विचित्र होता है। शिव जी प्रमुख गणों का नाम इस प्रकार है- नंदी, जय, विजय, श्रृंगी, भृगीरिटी, घंटाकर्ण, गोकर्ण, शैल, वीरभद्र, भैरव, चंडी और मणिभद्र। इसके अलावा दानव, पिचाश सर्प आदि भी शिव की गण माने जाते हैं।


आदिनाथ शिव | Aadinath Shiv

माना जाता है की वे भगवान शिव ही है जिन्होंने सबसे पहले पृथ्वी पर जीवन जीने का प्रचार-प्रसार किया था और यही कारण है की उन्हें आदि देव के नाम से भी जाना जाता है। आदि का शाब्दिक अर्थ है- शुरू या प्रांरभ। आदिनाथ नाम पड़ने के कारण भगवान शिव को 'आदिश' नाम से भी जाता है।


शिव के हथियार | Weapon of Shiva

वैसे तो हम सभी ने भगवान शिव के हथियार के रूप में उनके हाथ में त्रिशूल धारण करते हुए ही देखा हैं। लेकिन आपको बात दे, सुदर्शन, धनुष पिनाक, भवरेंदु चक्र और पाशुपतास्त्र आदि भगवान शिव के ही हथियार है, जो उन्ही द्वारा बनाएं गए है।


भगवान शिव का सर्प | Lord Shiva's Snake

भगवान शिव के सभी स्वरूपों में उनके गले में एक सर्प हमेशा दिखाई पड़ता है, जो उनके कंठ के चारों ओर लिपटा हुआ दिखाई देता है। आपको बता दें, हमेशा भगवान शिव साथ रहने वाले उस सर्प का नाम वासुकी है और सर्प वासुकी के बड़े भाई शेषनाग है।


भगवान शिव के पुत्र | Lord Shiva’s Sons

हम सभी भगवान शिव के रूप में उनके दो पुत्र भगवान गणेश और कार्तिकेय जी के बारे में ही जानते है, लेकिन भगवान शिव के दो नहीं बल्कि 6 पुत्र है जिनके नाम इस प्रकार से हैं - गणेश, कार्तिकेय, सुकेश, जालंधर, अयप्पा और भूमा। भगवान शिव के इन सभी पुत्रों की कहानी बहुत रोचक है।


भगवान शिव के शिष्य | Disciple of Lord Shiva

भोलेनाथ को आदिगुरु यानी सबसे पहले गुरु की भी उपाधि प्राप्त है, माना जाता है भगवान शिव से सबसे पहले सप्तऋषियों यानी सात ऋषियों को अपना शिष्य बनाया था। महादेव से शिक्षा प्राप्त करने के बाद इन सप्तऋषिओं ने धरती पर ज्ञान का प्रसार किया। वे भगवान शिव ही है जिन्होंने गुरु शिष्य परंपरा की शुरुआत की। बृहस्पति, विशालाक्ष, शुक्र, सहस्राक्ष, महेंद्र, प्रचेतस मनु, भारद्वाज उनके 7 शिष्य थे।


शिव पंचायत | Panchayat of Lord Shiva

त्रिकालदर्शी भगवान शिव की पंचायत में 5 मुख्य लोग शामिल है। इस शिव पंचायत में नारायण यानी भगवान विष्णु के अलावा सूर्यदेव, गणपति, देवी और रुद्र शामिल है।


शिव के द्वारपाल | Gatekeepers of Lord Shiva

भगवान शिव के गणों के अलावा भगवान शिव के बहुत से द्वारपाल भी है। भगवान शिव के द्वारपालों में नंदी, स्कंद, रीति, वृषभ, भृंगी, गणेश, उमा-महेश्वर और महाकाल शामिल है।


देवता और असुर दोनों के प्रिय शिव | Beloved by both Devta and Asur

देवताओं के अलावा भगवान शिव बहुत से असुरों के द्वारा भी पूजे जाते है। कहा जाए तो महाकाल देवता और असुर दोनों के ही प्रिय होते है। प्राचीन काल में बहुत से ऐसे राक्षस हुए है, जिन्होंने भोलेनाथ से वरदान पाने के लिए दिन-रात कठिन तप किये है। जहां भगवान राम ने शिव की आराधना की तो वही रावण ने महाकाल की विशेष पूजा अर्चना की थी।


शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंग | Lord Shiva’s Twelve Jyotirlingas

ज्योतिर्लिंग एक संस्कृत का शब्द है जिसका अर्थ है 'रोशनी का प्रतीक'। भारत में भगवान शिव को समर्पित 12 ज्योतिर्लिंग है, जो की देश के विभिन्न हिस्सों में व्यापत है। इन 12 ज्योतिर्लिंग की उत्पत्ति को लेकर कई मान्यताएं प्रचलित है। सोमनाथ, मल्लिकार्जुन, महाकालेश्वर, ओंकारेश्वर, वैद्यनाथ, भीमशंकर, रामेश्वर, नागेश्वर, विश्वनाथजी, त्र्यंबकेश्वर, केदारनाथ, घृष्णेश्वर ये सभी भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंग है।


भगवान शिव के प्रमुख नाम | Major Names of Lord Shiva

वेद-पुराणों में भगवान शिव के 108 नाम बताएं जाते हैं। लेकिन भगवान शंकर को सबसे लोकप्रिय नाम है, वह इस प्रकार से हैं- महाकाल, शंकर, विश्वनाथ, विश्वेश्वर,शिवशंभू, भूतनाथ, रुद्र, जटाशंकर, जगदीश, त्र्यंबक, नटराज, त्रिनेत्र, भोलेनाथ, आदिदेव, आदिनाथ, महेश, नीलकंठ, महादेव,शंकर, पशुपतिनाथ और गंगाधर।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)

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