बसौड़ा (Basoda 2023) एक हिंदू त्यौहार के रूप में जाना जाता है, जो देवी शीतला को समर्पित है। चेचक और गर्मियों में होने वाली बीमारियों से बचाव करने वाली, मां शीतला की महिमा बहुत अधिक मानी जाती है। बसौड़ा (Basoda 2023) का यह त्यौहार आमतौर पर होली के आठ दिन बाद चैत्र के महीने में मनाया जाता है। कुछ लोग इसे होली के बाद आने वाले पहले सोमवार या शुक्रवार को भी मनाते हैं। बसौड़ा को शीतला अष्टमी Sheetala Ashtami (Basoda) के नाम से भी जाना जाता है।
जैसे के नाम से ही स्पष्ट होता है, बसौड़ा का अर्थ है "बासी" या "बचा हुआ"। मान्यता है कि इस दिन माता शीतला को ठन्डे और बासी व्यंजनों का भोग लगाया जाता है। यही कारण है की इस पर्व को बसौड़ा कहकर सम्बोधित किया जाता है। शीतला अष्टमी Sheetala Ashtami (Basoda) या बसौड़े के दिन घर में किसी भी प्रकार का गर्म भोजन तैयार नहीं किया जाता है, बल्कि एक दिन पहले से ही इस दिन बनाएं जाने वाले व्यंजनों की तैयारी शुरू हो जाती है। बसौड़ा (Basoda 2023) के दिन बहुत तरह विशेष व्यंजन तैयार किये जाते है। ऐसे में आज इस ब्लॉग के माध्यम से आज हम आपको इन्हीं कुछ व्यंजन और उसकी रेसिपी के बारे में बताने जा रहे है-
आइए जानते है, क्या है यह विशेष प्रकार के व्यंजन जिन्हे खास तौर पर बसौड़े (Basoda 2023) के दिन बनाया जाता है-
आवश्यक सामग्री
• बाजरे का आटा- 2 बड़े चम्मच
• दही - 1/2 कप
• अजवाईन- 1/8 छोटा चम्मच
• जीरा- 1/8 छोटा चम्मच
• नमक- स्वाद अनुसार
• भुना जीरा पाउडर- 1 चुटकी
राबड़ी बनाने की विधि
1. सबसे पहले दही को 2 कप पानी के साथ फेंट लें।
2. अब इसमें नमक, जीरा और अजवायन डालें और बाजरे के आटे में मिलाएं और इसे अच्छी तरह फेंटे ताकि कोई गांठ न रहे।
3. गैस पर एक पैन रखें, इसमें यह मिक्सचर डालें।
4. 5-7 मिनट तक चलाते रहें, जब तक यह गाढ़ा न हो जाए।
5. अब 1 कप पानी और डालें और धीमी आंच पर लगातार चलाते रहें. मैदा को अच्छी तरह से पकाना है ताकि अब कच्चा स्वाद आ जाये. जब आपको मनचाही कंसिस्टेंसी मिल जाए तो गैस से उतार लें।
6. इसे सर्विंग ग्लास में डालें और एक चुटकी भुना जीरा पाउडर छिड़कें।
आवश्यक सामग्री
• 500 ग्राम गेहूं का आटा
• 200 ग्राम गुड़
• 2 बड़े चम्मच तिल
• 3 कप रिफाइंड तेल
• 2 1/2 कप दूध
मीठा पुआ बनाने की विधि
1. मीठा पुआ की रेसिपी बनाने लिए एक बड़ा कटोरा लें और उसमें दूध के साथ गुड़ पाउडर डालें। गुड़ पाउडर के पूरी तरह से घुलने तक अच्छी तरह चलाएं। अब गुड़ के पेस्ट में गेहूं का आटा डालें और अच्छी तरह मिला कर गाढ़ा घोल तैयार कर लें।
2. बैटर तैयार होने के बाद, बर्नर को बंद कर दें और मिश्रण को गीले कपड़े से लगभग 15 मिनट के लिए ढककर सेट होने दें। - इसके बाद गुड़ और आटे के मिश्रण को फेटें और इसमें तिल डालें. बैटर की कंसिस्टेंसी इतनी गाढ़ी होनी चाहिए कि पुए बन जाएं।
3. अब एक कढ़ाई को तेज आंच पर रखें और उसमें तेल गर्म करें. तेल के पर्याप्त गरम होने पर, थोड़ा सा बैटर हाथ में लेकर गरम तेल में पकौड़े की तरह सावधानी से डालिये. उन्हें गहरा भूरा रंग प्राप्त होने तक डीप फ्राई करें। इसी तरह के और गुलगुले बनाने के लिए प्रक्रिया को दोहराएं।
4. एक बार जब आप मीठे पूएं तैयार कर लें, तो उन्हें तेल को सोखने के लिए एक सोखने वाले कागज़ पर छोड़ दें। गरम परोसें!
आवश्यक सामग्री
• 1 कटोरी बासमती चावल
• एक से डेढ़ कटोरी शक्कर
• इलायची पावडर
• 5-7 केसर के लच्छे
• मीठा पीला रंग
• 1 चम्मच घी
• 1 -2 लौंग
• मेवे की कतरन
• 15-20 किशमिश (पानी में सोखी हुई)
शाही मीठे चावल बनाने की विधि
1. बासमती चावल को 3-4 बार पानी से धोएं और कुछ समय के लिये पानी में भिगो दीजिये. अब एक पैन में 2 कप पानी के साथ चावल को मध्यम आंच पर तब तक उबालें जब तक यह पक न जाए.
2. दूसरी ओर एक-से डेढ़ तार की चाशनी तैयार करें और उसमें पके हुए चावल डालकर कुछ देर तक चलाएं।
3. चाशनी में डालने के कुछ समय बाद इसमें इलायची पाउडर और मीठा रंग मिलाएं।
4. एक पैन या कढ़ाई में अलग से घी गरम कर और उसमें लौंग इत्यादि डाल दें।अब इस मिश्रण को पके हुए चावलों पर बुरकाएं। और अंत में मेवे की कतरन और भीगे हुए किशमिश डालकर चावलों को गार्निश करें। माता को भोग लगाने के लिए शाही मीठे चावल तैयार है।
यह कुछ मुख्य व्यंजन है, जिन्हें खास तौर पर बसौड़ा (Basoda 2023) के दिन तैयार किया जाता है। शीतला अष्टमी Sheetala Ashtami (Basoda) के दिन आप इन व्यंजनों का भोग देवी मां को चढ़ाए और भोग के बाद परिवार के सभी सदस्यों में इसे प्रसाद के रूप में वितरित करें।
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