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Panchmukhi Hanuman Yantra: पंचमुखी हनुमान यंत्र से हर परेशानी होगी दूर! जानें चमत्कारी लाभ और स्थापना विधि

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भगवान श्री राम के परम भक्त और अत्यंत पराक्रमी हनुमान जी को सबसे अधिक पूजनीय देवताओं में गिना जाता है। उन्हें मारुति, बजरंगबली और अंजनेय के नाम से भी जाना जाता है। हनुमान जी के पंचमुखी अवतार को बेहद शक्तिशाली माना गया है। इन पंचमुखी अवतार में वानर मुख, गरुड़ मुख, वराह मुख, नृसिंह मुख और अश्व मुख शामिल है। ये पांच रूप उनके दिव्य और अद्वितीय शक्ति का प्रतीक हैं। पंचमुखी हनुमान यंत्र (Panchmukhi Yantra) इन पांच मुखों की दिव्य शक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है।

Panchmukhi Hanuman Yantra: पंचमुखी हनुमान यंत्र से हर परेशानी होगी दूर! जानें चमत्कारी लाभ और स्थापना विधि

About Panchmukhi Yantra: क्या है पंचमुखी यंत्र?

हनुमान जी को समर्पित यह एक प्रभावशाली यंत्र (Panchmukhi Hanuman Yantra) है। इस यंत्र में हनुमान जी के पंचमुखी स्वरूप की दिव्य ऊर्जा समाहित है। यह प्राचीन यंत्र अपने चमत्कारी लाभों के लिए भी जाना जाता है।

इसे पीतल, तांबा और हाइ क्वालिटी लैमिनेटेड ग्लास से बनाया जाता है। पंचमुखी यंत्र को विशेष रूप से हैंगिंग डिजाइन में तैयार किया जाता है। ऐसे में घर, ऑफिस और कार में इसका आसानी से उपयोग किया जा सकता है।


Panchmukhi Hanuman Yantra Significance : पंचमुखी हनुमान यंत्र का महत्व

पंचमुखी हनुमान यंत्र (Panchmukhi Hanuman Yantra) में हर मुख भगवान हनुमान के अद्वितीय गुणों पहलू को दर्शाता है। इसमें शामिल है-

1. वानर मुख

पंचमुखी हनुमान अवतार में हनुमान जी का एक मुख पूर्व दिशा की ओर होता है। यह स्वरूप दुश्मनों पर विजय दिलाने में मदद करता है।

2. गरुड़ मुख

हनुमान जी का पश्चिम दिशा में स्थित मुख गरुड़ मुख कहलाता है। यह मुख जीवन में आ रही बाधाओं को समाप्त करने में मदद करता है।

3. वराह मुख

हनुमान जी के पंचमुखी अवतार में उत्तर दिशा का मुख वराह मुख है। इस मुख की पूजा करने से लंबी आयु, यश और कीर्ति की प्राप्ति होती है।

4. नृसिंह मुख

दक्षिण दिशा में स्थित मुख नृसिंह मुख कहा जाता है। भगवान का यह नृसिंह अवतार जीवन के तनाव और भय को दूर भगाता है।

5. अश्व मुख

हनुमान जी का पांचवां मुख आकाश की दिशा में स्थित है। इसे अश्व मुख कहा जाता है। मनवांछित फल की प्राप्ति के लिए इस स्वरूप की पूजा की जाती है।


Benefits of Panchmukhi Hanuman Yantra : पंचमुखी हनुमान यंत्र के लाभ

1. बुरी शक्तियों के खिलाफ सुरक्षा कवच

यह यंत्र बुरी नज़र, नकारात्मक ऊर्जा और काला जादू से बचाव के लिए उपयोग किया जाता है। भूत-बाधाओं को दूर करने में भी यह सहायक है।

2. धन और समृद्धि की रक्षा

वराह मुख वित्तीय स्थिरता और समृद्धि की सुरक्षा करता है। यह यंत्र बिजनेस को नुकसान से बचाता है। आय बढ़ाने और नए अवसर आकर्षित करने में मदद करता है। ऐसे में कई दुकानदार और बिजनेसमैन इसे अपने एंट्री गेट पर लगाते हैं।

3. ग्रहों के अशुभ प्रभावों से सुरक्षा

पंचमुखी हनुमान यंत्र कुछ लोगों के लिए बेहद फायदेमंद है। खासतौर पर, जिनकी कुंडली में शनि एवं राहुकेतु के अशुभ प्रभाव देखने को मिलते हैं। हर मंगलवार को इस शक्तिशाली यंत्र की पूजा करने से शनि की साढ़ेसाती और ढैया से मुक्ति मिलती है। इसके साथ ही, यह चंद्रमा और मंगल के नकारात्मक प्रभाव को भी कम करता है।

4. साहस और आत्मविश्वास में वृद्धि

जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष है, उन्हें पंचमुखी हनुमान यंत्र की पूजा करनी चाहिए। यह यंत्र कलह, स्वास्थ्य समस्याएं और विवाह में देरी को कम करता है। पूर्वमुखी हनुमान मुख, हनुमान जी की वीरता का प्रतीक है।

ऐसे में जो व्यक्ति भय, तनाव या आत्मविश्वास की कमी से परेशान हैं। उन्हें अपने घर के लिविंग एरिया में पंचमुखी हनुमान यंत्र लगाना चाहिए।

5. बुद्धि और ज्ञान में वृद्धि

पंचमुखी यंत्र में हयग्रीव मुख, बुध ग्रह की ऊर्जा से प्रभावित होता है। बुध ग्रह, एडुकेशन और कम्युनिकेशन से जुड़ा है। ऐसे में यह पंचमुखी हनुमान यंत्र स्टूडेंट्स और वर्किंग प्रोफेशनल्स के लिए बेहद लाभकारी है।

इसे स्टडी टेबल पर रखने से फोकस और क्रिएटिविटी में सुधार होता है। साथ ही इनकम और करियर के नए अवसर भी खुलते है।


Panchmukhi Hanuman Yantra: पंचमुखी हनुमान यंत्र स्थापना विधि

1. सही यंत्र का चयन करें

सुनिश्चित करें कि आपके पास ब्रास या किसी अन्य धातु से बना असली पंचमुखी हनुमान यंत्र हो।

2. किस दिन करें यंत्र की स्थापना

यंत्र को मंगलवार, शनिवार या हनुमान जयंती जैसे शुभ मुहूर्त में स्थापित करें।

3. स्थान शुद्ध करें

जहां यंत्र रखना है, उस जगह को साफ़ करें। यंत्र को उत्तर-पूर्व या पूर्व दिशा में ही स्थापित करें। आप चाहे तो इसे मुख्य गेट पर ही लगा सकते है।

4. प्राण प्रतिष्ठा अनुष्ठान

सबसे पहले बाधाओं को दूर करने के लिए भगवान गणेश से प्रार्थना करें। फिर 'ॐ हनुमते नमः' मंत्र का जाप करें। फिर हनुमान चालीसा या पंचमुखी हनुमान स्तोत्र का पाठ करें।

5. धूप और अगरबत्ती जलाएं

नैवेद्य के रूप में दीया और अगरबत्ती जलाएं।

6. प्रतिदिन पूजन करें

पंचमुखी हनुमान यंत्र की स्थापना के बाद इस यंत्र की प्रतिदिन पूजा करें। यंत्र को नियमित रूप से फूल और नैवेद्य अर्पित करें।

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पंचमुखी हनुमान यंत्र (Panchmukhi Hanuman yantra) भगवान हनुमान के पांच मुखों की दिव्य शक्तियों का प्रतिनिधित्व करता है। आप यहां दिए गए लिंक पर क्लिक कर यह यंत्र आर्डर कर सकते है। इस यंत्र की स्थापना से पहले किसी अनुभवी ज्योतिषी से परामर्श अवश्य लें।

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