ज्योतिषशास्त्र में शनि को एक अशुभ फल प्रदान करने वाले ग्रह के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है की शनि की कुदृष्टि यदि किसी व्यक्ति पर पड़ जाए तो उसके बुरे दिन शुरू हो जाते है। ऐसे में कुंडली में आने वाले शनि के दुष्प्रभावों को दूर करने के लिए हर शनिवार के दिन को शनि देव की पूजा-अर्चना करने के विशेष महत्व बताया जाता है। इसके साथ ही शनि जयंती का पर्व भी शनि देव को प्रसन्न करने के लिए श्रेष्ठ माना जाता है।
प्रत्येक वर्ष ज्येष्ठ मास की अमावस्या को शनि जयंती का पर्व मनाया जाता है। साल 2023 में, शुक्रवार 19 मई 2023 (shani jayanti 2023 date) के दिन शनि जयंती का व्रत रखा जाएगा। ज्योतिषशास्त्र में अक्सर शनि के साढ़ेसाती और ढैय्या से मुक्ति पाने के लिए अनेकों उपाय बताए जाते है,यह उपाय मुख्यतः शनि मंदिर में भगवान शनिदेव के प्रतिमा के समक्ष किये जाते है। लेकिन आज हम आपको कुछ ऐसे शनि मंदिरों के बारे में बताने जा रहे है, जहां के दर्शन मात्र से आपके सभी शनि-दोष दूर हो जाते है।
शनि जयंती के पावन पर्व पर, भारत के इन 5 प्रसिद्ध शनि मंदिरों के दर्शन से ही व्यक्ति के जीवन में आने वाली सभी रुकावटें दूर हो जाती है। आइये जानते है, कौनसे है यह लोकप्रिय शनि मंदिर-
कर्नाटक के तुमकुर जिले में स्थित भगवान शनिदेव का यह मंदिर भारत के प्रसिद्ध शनि मंदिरों में से एक है। इस मंदिर परिसर में शनिदेव एक कौए पर विराजमान है। कर्नाटक के इस शनि मंदिर में हज़ारों की संख्या में भक्त आते है और शनि देव से प्रार्थना करते है। तुमकुर जिले के इस मंदिर में अलग-अलग तरीकों से भगवान की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि यहां शनिदेव की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने से सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलती है।
शनि धाम मंदिर, भगवान शनि को समर्पित एक प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। शनिदेव का यह लोकप्रिय मंदिर दिल्ली के असोला के पास छतरपुर रोड पर स्थित है, जो प्रसिद्ध कुतुब मीनार से 16 किलोमीटर दूर है। यह मंदिर भारत के उन दुर्लभ मंदिरों में से एक है, जिसमें भगवान शनि की मूर्ति एक प्राकृतिक चट्टान से निर्मित की गई है। यहां मौजूद भगवान शनि की मूर्ति दुनिया में भगवान शनि की सबसे ऊंची मूर्ति है। मंदिर परिसर में भक्तगण समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए भगवान के चरणों में प्रार्थना करते है।
भगवान शनिदेव का यह अन्य लोकप्रिय मंदिर तमिलनाडु के तंजावुर जिले में स्थित है। उत्तर भारत की खूबसूरत वास्तुकला को दर्शाता, यह शनि मंदिर दो नदियों के बीच में बसा है। शनिदेव की यहां विशेष महिमा है, मान्यता है कि यहां पूजा करने से कुंडली से शनि के अशुभ प्रभावों को कम किया जा सकता है। इस मंदिर की एक विशेषता यह भी बताई जाती है, यहां शनिदेव के साथ ही भगवान शिव की पूजा का भी विधान है। यहां भक्तगण दोनों देवताओं की कृपा एक साथ प्राप्त कर सकते है।
कोकिलावन धाम मथुरा के पास कोसी कलां से 10 किमी दूर स्थित एक पवित्र स्थान है। यह पावन मंदिर न्याय के अनुसार फल देने वाले हिन्दू देवता भगवान शनि देव को समर्पित है। मंदिर एक विस्तृत विशाल परिसर में फैला हुआ है और प्रतिदिन देश भर से बड़ी संख्या में भक्त इसके परिसर में आते है। शनिवार और शनि अमावस्या में विशेष रूप से यहां भक्तों का जमावड़ा देखने को मिलता है। यह सभी तिथि शनि देव को समर्पित है। यदि आप भी शनि जयंती के दिन भगवान शनिदेव के किसी लोकप्रिय मंदिर जाकर, उनका आशीर्वाद लेना चाहते है, तो उत्तर प्रदेश के कोकिलावन धाम एक अच्छा विकल्प हो सकता है।
श्री शनेश्वर देवस्थान, शनि शिंगणापुर मंदिर, महाराष्ट्र के अहमदनगर जिले में स्थित है। शनि शिंगणापुर मंदिर, भारत के सबसे लोकप्रिय तीर्थ के रूप में दूर-दूर तक प्रसिद्ध है। महाराष्ट्र में बसे इस मंदिर को अपने अविश्वसनीय चमत्कारों के चलते गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स से भी सराहा गया है। इस मंदिर की लोकप्रियता इतनी अधिक है की देश ही नहीं विश्वभर से लोग यहां दर्शन के लिए आते है। मान्यता है की इस मंदिर में भगवान शनिदेव के दर्शन मात्र से साढ़ेसाती और ढैय्या जैसी समस्या दूर हो जाती है। शिंगणापुर गांव निवासियों का यह मानना है की शनि देव की महिमा के कारण उस घर में कभी चोरी नही होती है।
इस प्रकार यह भगवान शनिदेव को समर्पित, भारत के प्रसिद्ध शनि मंदिर है (famous shani temples of India) जहां शनिदेव के भक्तों के एक बार अवश्य जाना चाहिए। शनि जयंती (shani jayanti 2023) के पावन दिन पर इन सभी शनि मंदिरों की शोभा देखते ही बनती है। शनि जयंती के दिन, भगवान शनिदेव को समर्पित 'शनि यंत्र' की पूजा का भी विशेष महत्व बताया जाता है। शनि यंत्र को घर में स्थापित कर, पूजन करने से न सिर्फ शनि देव जल्द प्रसन्न होते है बल्कि सभी कष्टों से मिलती है।
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