हिन्दू पंचांग के अनुसार आश्विन माह के बाद कार्तिक मास की शुरुआत हो जाती है। चतुर्मास के आखिरी मास माने जाने वाला, यह कार्तिक का महीना भगवान विष्णु को बहुत अधिक प्रिय होता है। यही कारण है की इस महीने में न सिर्फ व्रत- त्यौहार बल्कि दान पुण्य का भी विशेष महत्व बताया जाता है। माना जाता है की इस माह में स्नान दान अदि करने से सभी तरह के पाप में कष्टों से मुक्ति मिलती है।
चातुर्मास प्रारंभ होने के साथ ही भगवान विष्णु योग निद्रा में चले जाते है, जिसके बाद में कार्तिक माह की एकादशी के दिन वे अपनी शयन मुद्रा से उठते है। इस एकादशी को 'देवउठनी एकादशी' के नाम से भी जाना जाता है। इस एकादशी के बाद से ही सभी शुभ कार्यों का शुभारंभ हो जाता है। कार्तिक मास में बहुत एक के एक बाद बहुत सारे त्यौहार आदि भी मनाएं जाते है। ऐसे में आइए जानते है की साल 2022 में कार्तिक मास की शुरुआत कब होने जा रही है, साथ ही इस ब्लॉग में हम इस माह में आने वाले त्यौहारों की लिस्ट भी आपके साथ साझा करेंगे, तो आइये जानते है-
हर साल आश्विन माह के बाद कार्तिक मास की शुरुआत होती है। साल 2022 में, 10 अक्टूबर 2022 से कार्तिक मास का प्रारंभ होने जा रहा है। 10 अक्टूबर 2022 से लेकर यह माह 8 नवम्बर 2022 तक चलेगा। जिसके बाद मार्गशीर्ष महीने आरंभ हो जाएगा।
Date | Day |
13 अक्टूबर 2022 | करवा चौथ, संकष्टी गणेश चतुर्थी |
14 अक्टूबर 2022 | रोहिणी व्रत |
17 अक्टूबर 2022 | तुला संक्रांति, कालाष्टमी, अहोई अष्टमी |
21 अक्टूबर 2022 | गोवत्स द्वादशी, वैष्णव रामा एकादशी, रामा एकादशी |
23 अक्टूबर 2022 | काली चौदस, प्रदोष व्रत, धनतेरस, मास शिवरात्रि |
24 अक्टूबर 2022 | नरक चतुर्दशी, दिवाली |
25 अक्टूबर 2022 | अमावस्या, भौमवती अमावस्या, गोवर्धन पूजा |
26 अक्टूबर 2022 | चंद्र दर्शन, अन्नकूट, भाई दूज |
28 अक्टूबर 2022 | वरद चतुर्थी |
29 अक्टूबर 2022 | लाभ पंचमी |
30 अक्टूबर 2022 | छठ पूजा |
31 अक्टूबर 2022 | सोमवार व्रत |
01 नवंबर 2022 | गोपाष्टमी , दुर्गाष्टमी व्रत |
02 नवंबर 2022 | अक्षय नवमी |
04 नवंबर 2022 | प्रबोधिनी एकादशी, देवउठनी एकादशी |
05 नवंबर 2022 | तुलसी विवाह, प्रदोष व्रत |
06 नवंबर 2022 | विश्वेश्वर व्रत |
07 नवंबर 2022 | मणिकर्णिका स्नान, देव दिवाली |
08 नवंबर 2022 | कार्तिक स्नान समाप्त, पूर्णिमा , कार्तिक पूर्णिमा , पूर्णिमा व्रत |
ऐसा कहा जाता है की भगवान विष्णु की पूजा के समय तुलसी का प्रयोग अवश्य करना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास में तुलसी के पौधे के पूजन का बहुत अधिक महत्व होता है। कहा जाता है की इस मास में संध्या के समय तुलसी के पौधे के पास एक दीया अवश्य जलाना चाहिए। इसके साथ ही तुलसी को नियमित जल से सींचना चाहिए। ऐसा करने से घर में धन आगमन के मार्ग खुल जाते है। कार्तिक के इस पावन महीने में शालिग्राम और देवी तुलसी का विवाह किया जाता है।
इतना ही नही माना तो यह भी जाता है की इस एक महीने में पुरे विधि से तुलसी का पूजन करने से अकाल मृत्यु की संभावना भी कम हो जाती है।
कार्तिक मास में आप तुलसी कंठी माला भी धारण कर सकते है, साथ तुलसी जप माला से भगवान विष्णु का ध्यान कर सकते है। इस माह में दान-पुण्य का सर्वाधिक महत्व होता है। ऐसा माना जाता है की कार्तिक मास में दान आदि करने से मां लक्ष्मी प्रसन्न होती है, साथ ही उनकी विशेष कृपा भी प्राप्त होती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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