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Manglik Dosh Effects on Marriage: वैवाहिक जीवन को कैसे प्रभावित कर सकता है मंगल दोष? जानिए इसके कारण और आसान उपाय!

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ज्योतिष शास्त्र में मांगलिक दोष एक प्रमुख और चर्चित अवधारणा है। यह व्यक्ति के वैवाहिक जीवन और समग्र कल्याण पर गहरा प्रभाव डाल सकता है। ज्योतिषियों के अनुसार, यह दोष तब उत्पन्न होता है जब मंगल ग्रह जन्म कुंडली के कुछ विशेष भावों में स्थित होता है। इस ब्लॉग में हम जानेंगे कि मांगलिक दोष क्या है, यह किन कारणों से होता है और इसके प्रभाव को कैसे कम किया जा सकता है।

Manglik Dosh Effects on Marriage:  वैवाहिक जीवन को कैसे प्रभावित कर सकता है मंगल दोष? जानिए इसके कारण और आसान उपाय!

What is Mangal Dosh? क्या है मंगल दोष?

मांगलिक दोष, जिसे मंगल दोष (about mangal dosh) या कुज दोष भी कहा जाता है। यह दोष तब उत्पन्न होता है, जब व्यक्ति की कुंडली में मंगल ग्रह खास जगहों पर स्थित हो। मंगल को एक उग्र और आक्रामक ग्रह माना जाता है। जब यह ग्रह विवाह से जुड़े घरों में आता है, तो यह शादी में बाधाएं ला सकता है। जैसे शादी में देरी, रिश्तों में अनबन आदि। कभी-कभी तो तलाक जैसी स्थिति भी आ सकती है।

यही कारण है की इसे वैवाहिक जीवन के लिए अशुभ माना जाता है।


Mars Inauspicious Houses:किस भाव में मंगल अशुभ माना जाता है?

प्रथम भाव या लग्न में मंगल

यह घर व्यक्ति के स्वभाव और व्यक्तित्व का होता है। जिस भी व्यक्ति के प्रथम घर में मंगल होता है, उसे जल्दी गुस्सा आता है। वह उग्र स्वभाव वाला व्यक्ति भी हो सकता है। ऐसे स्वभाव से वैवाहिक जीवन में क्लेश और झगड़े हो सकते है।

दूसरे भाव में मंगल

दूसरा भाव परिवार, बोलचाल और संपत्ति से जुड़ा होता है। इस घर में मंगल होने से बोलने का तरीका रूखा हो सकता है। यह चेहरे की बनावट या नेत्र संबंधी समस्याएं भी ला सकता है। साथ ही, यह दुष्ट लोगों की संगति और आर्थिक तंगी का कारण बन सकता है।

चतुर्थ भाव में मंगल

चतुर्थ भाव घर और जमीन से जुड़ा होता है। अगर मंगल मजबूत हो या अपनी राशि में हो तो भूमि संबंधी परेशानियों से राहत मिलती है। लेकिन कमजोर मंगल पारिवारिक समस्याएं लाता है। सुख-शांति कम हो जाती है। ऐसे में व्यक्ति को दूसरों के घर रहना पड़ता है और कष्ट झेलने पड़ते हैं।

सप्तम भाव में मंगल

सप्तम भाव शादी और जीवनसाथी का घर होता है। यहां मंगल खराब स्थिति में हो, तो पत्नी के लिए अच्छा नहीं माना जाता। वैवाहिक जीवन में मुश्किलें आती हैं। मान्यता है की इस स्थिति में शादी अलावा रिश्ते बनने की भी संभावना होती है। मंगल अगर नीच भाव में या शत्रु भाव में हो, तो पत्नी को नुकसान हो सकता है।

आठवें भाव में मंगल

आठवां भाव दाम्पत्य सुख के लिए हानिकारक होता है। जातक आमतौर पर दुखी और परेशान रहता है। दुर्घटना या चोट लगने का डर रहता है। नेत्र संबंधी रोग हो सकते हैं। बुरी आदतें बढ़ती हैं।

बारहवें भाव में मंगल

बारहवें भाव में मंगल अक्सर अशुभ प्रभाव देता है। यह दुर्घटना, चोरी जैसी परेशानियां ला सकता है। पिता या चाचा की मृत्यु हो सकती है। नेत्र रोग भी हो सकते हैं। अगर इस मंगल पर शनि, राहु या केतु की दृष्टि हो, तो अशुभ प्रभाव झेलने पड़ सकते है।


Types of Maanglik Dosh: कितने प्रकार के मांगलिक दोष होते है?

1. आंशिक मांगलिक दोष

'आंशिक' मतलब मंगल दोष का कम या आंशिक प्रभाव। इसका मतलब है कि कुंडली में मंगल का प्रभाव पूरी तरह नहीं है। जब मंगल पहले, दूसरे, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में हो, तो ऐसा दोष बन सकता है। इस दोष का प्रभाव कम होता हैं। यह वैवाहिक जीवन पर थोड़ा असर डालता है पर बहुत गंभीर नहीं होता।

2. सात्विक मांगलिक दोष

यह दोष तब बनता है जब मंगल पहले, चौथे, सातवें, आठवें या बारहवें भाव में हो। इस स्थिति को पूर्ण या शुद्ध मांगलिक दोष कहा जाता है। यह दोष ज्यादा असर डालता है। ऐसी स्थिति में शादी में रुकावटें, तनाव या समस्याएं हो सकती हैं। इसे स्थिति में मांगलिक दोष प्रबल होता है।

3. चंद्र मांगलिक दोष

यह दोष तब बनता है जब मंगल, चंद्रमा से 1, 2, 4, 5, 7, 8 या 12वें भाव में होता है। इसे चंद्र मांगलिक दोष कहा जाता है। इसका असर मानसिक और भावनात्मक जुड़ाव पर पड़ता है। ऐसी स्थिति में जीवनसाथियों के बीच तालमेल में कमी हो सकती है। यह दोष वैवाहिक रिश्तों में तनाव ला सकता है।


Mangal Dosha ke upay in Hindi : मंगल दोष को कम करने के उपाय

1. कुंभ विवाह

कुंभ विवाह एक खास धार्मिक अनुष्ठान है। इसमें मांगलिक दोष वाली महिला का विवाह भगवान विष्णु से सम्बंधित वस्तु से किया जाता है। इसमें मुख्य रूप से केले के पेड़, घड़े या शालिग्राम जी की मूर्ति शामिल होती है। यह शादी असली विवाह से पहले की जाती है। माना जाता है कि इससे मांगलिक दोष का असर खत्म हो जाता है।

2. दूसरे मांगलिक से विवाह

यह सबसे आसान और प्रचलित उपायों में से एक है।अगर एक मांगलिक (Best remedy for Manglik Dosh) व्यक्ति किसी दूसरे मांगलिक से शादी करे, तो दोष का असर कम हो जाता है। दोनों पर मंगल का प्रभाव एक-दूसरे को संतुलित कर देता है। ऐसे रिश्ते में मंगल दोष का प्रभाव कम हो जाता है।

3. मंगलवार को दान देना

मंगलवार के दिन कुछ खास चीज़ें दान करना शुभ माना जाता है। जैसे लाल कपड़े, मसूर की दाल, गुड़ या मिठाई। गरीबों या ज़रूरतमंदों को दान देने से पुण्य मिलता है। इससे मंगल दोष का प्रभाव भी कम हो सकता है।

4. मंगल मंत्र का जाप

मंगल दोष को कम करने के लिए मंत्र जाप फायदेमंद होता है। शास्त्रों में 'ॐ अंग अंगारकाय नमः' मंत्र बहुत असरदार माना गया है। भगवान मंगल या हनुमान जी के मंत्रों का जाप भी किया जा सकता है। नियमित जाप से मंगल के बुरे असर को कम किया जा सकता है।

5. मंगलवार का उपवास और पूजा

हर सप्ताह मंगलवार का व्रत रखना लाभदायक माना गया है। इस दिन पूजा करने से मंगल दोष शांत होता है। इस दिन आप हनुमान जी के मंदिर में जाकर चोला चढ़ा सकते है। इससे जीवन में कुंडली में उग्र मंगल शांत होता है। हालांकि आप किसी ज्योतिषी के परामर्श के बाद ही यह व्रत रखें।

6. मंगल यंत्र का पूजन

मंगल यंत्र को सौभाग्य और समृद्धि लाने वाला माना जाता है। यह खासतौर पर प्रेम, रिश्ते और शादी से जुड़ी समस्याओं में मदद करता है। श्री मंगल यंत्र (mangal yantra for marriage) को सुखी वैवाहिक जीवन के लिए शक्तिशाली माना जाता है। यह रिश्तों में सामंजस्य बनाने और जीवन में सकारात्मकता लाने में सहायक है।

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अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष है, तो यहां बताए उपाय मददगार हो सकते हैं। हर मांगलिक व्यक्ति की कुंडली (Mangal Dosh in kundali) अलग होती है। इसलिए सबसे पहले अच्छे ज्योतिषी से सलाह लें। वह आपकी कुंडली देखकर सही उपाय बताएंगे। मांगलिक दोष को लेकर अक्सर लोग चिंतित हो जाते हैं, लेकिन यह इतनी गंभीर समस्या नहीं है। अगर सही ज्योतिष सलाह और उपाय अपनाए जाएं, तो इसके नकारात्मक प्रभाव कम किए जा सकते हैं।

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