मेष संक्रांति (mesha sankranti 2023) को पारंपरिक सौर कैलेंडर में नए साल की शुभ शुरुआत के प्रतीक के रूप में जाना जाता है। इस दिन, मुख्य तौर पर सूर्य मेष राशि में प्रवेश करता है और यही कारण है कि इस पर्व को मेष संक्रांति कहा जाता है। जहां अधिकांश भारत में इस पर्व को मेष सक्रांति के नाम से जाना जाता है तो वहीं कुछ राज्यों में मेष सक्रांति को भिन्न भिन्न नामों से जाना जाता है। जैसे पंजाब में बैसाखी, ओडिशा में पना संक्रांति, पश्चिम बंगाल में पोहेला बोइशाख और केरल में इसे विशु के रूप में मनाया जाता है।
हिन्दू कैलेंडर के अनुसार, इस साल शुक्रवार, 14 अप्रैल 2023 (mesha sankranti 2023 date) के दिन मेष संक्रांति का त्यौहार मनाया जाएगा। मान्यता है कि शुक्रवार, 14 अप्रैल के दिन भगवान सूर्य देव मीन राशि से निकलकर मेष राशि में प्रवेश करेंगे। मेष राशि में सूर्य देव के परिवर्तन के कारण से ही इसे मेष सक्रांति (mesha sankranti) कहा जाता है।
इस साल 2023 में मेष संक्रांति पूर्वाषाढ़ नक्षत्र में पड़ रही है। इस तिथि का पुण्य और महापुण्य काल का मुहूर्त इस प्रकार से है-
पुण्य काल मुहूर्त - 10:55 AM से 06:46 PM तक
महा पुण्य काल मुहूर्त- 01:04 AM से 05:20 PM तक
ऐसा माना जाता है की उपरोक्त दिए गए इस मुहूर्त में सूर्य देव को समर्पित मंत्रोचारण करने से बहुत से शुभ फल प्रदान होते है।
मेष संक्रांति के दिन स्नान और दान का विशेष महत्व बताया जाता है। इस दिन आप खास तौर पर सत्तू,जल से भरा एक घड़ा, पंखा और बेल के फल का दान कर सकते है। लेकिन दान की यह वस्तुएं उन्हें ही दान करे, जिन्हे इसे वस्तुओं की आवश्यकता हो। इस दिन ज़रूरतमंदों को दान इत्यादि देने से अनेक शुभ फलों की प्राप्ति होती है।
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार मेष सक्रांति के दिन विशेष गंगा स्नान करने से बहुत पुण्य मिलता है। कहा तो यह भी जाता है कि इस दिन गंगा-स्न्नान करने से व्यक्ति और उसके परिवार पर सूर्य देव को विशेष कृपा होती है और घर में सुख-समृद्धि का संचार होता है। यदि गंगा नदी में संभव न हो तो आप किस अन्य पवित्र नदी में भी स्नान के लिए जा सकते है।
मेष संक्रांति का दिन अपने पूर्वजों और पितरों के निमित्त किये जाने वाले कार्यो के लिए बहुत उपयुक्त माना जाता है। इस दिन पितरों के नाम का दान करने के साथ ही आप प्रभावशाली पितृ दोष निवराण यंत्र का पूजन भी कर सकते है। पितरों को प्रसन्न करने के साथ ही यह यंत्र, पितरों का आशीर्वाद ग्रहण करने के लिए भी बहुत उपयोगी माना जाता है। पितृ दोष निवारण यंत्र के फायदे अनेक है।
पितृ दोष निवारण यंत्र खरीदेंजीवन में किसी भी प्रकार नई शुरुआत या शुभारंभ करने के लिए मेष संक्रांति (mesha sankranti 2023) को सबसे श्रेष्ट्र दिनों में से एक माना जाता है। इस दिन लोग सूर्य देव को समर्पित मंदिरों में दर्शन के लिए जाते है और उनका आशीर्वाद ग्रहण करते है। देश भर में मेष संक्रांति के उत्सव को अलग अलग रीति-रिवाजों और नामों के साथ मनाया जाता है। जहां एक ओर लोग भव्य उत्सव का आयोजन कर इस पर्व को मनाते है तो वही दूसरी ओर कई लोग इस दिन बढ़-चढ़ कर स्नान-दान की गतिविधियों में भाग लेते है।
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