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Pausha Amavasya 2022 | पौष अमावस्या के दिन ज़रूर करें ये 5 कार्य, जानें तिथि व महत्व

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हिन्दू धर्म में पौष के महीने को छोटे पितृपक्ष के नाम से भी जाना जाता है। इस माह में हमारे पूर्वजों के निमित किए गए कार्यों का विशेष महत्व माना जाता है। पौष माह में आने वाली कृष्ण पक्ष की अमावस्या, पौष अमावस्या कहलायी जाती है। इस अमावस्या के दिन पितरों के नाम से दान आदि करने से शुभ फल की प्राप्ति होती है।

Pausha Amavasya 2022 | पौष अमावस्या के दिन ज़रूर करें ये 5 कार्य, जानें तिथि व महत्व

अमावस्या का दिन पितृ एवं काल सर्प दोष के निवारण हेतु यह दिन सबसे उत्तम माना जाता है। इस दिन पूर्वजों को मोक्ष दिलवाने के लिए विशेष पूजा का आयोजन किया जाता है। ऐसे में आज हम आपको, साल की आखिरी अमावस्या कहलाये जाने वाली, पौष अमावस्या की तिथि के बारे में बताने जा रहे है। इसके साथ ही पौष अमावस्या के महत्व के बारे में भी हम आपको जानकारी देंगे। आइये जानते है-


पौष अमावस्या 2022 तिथि व समय | Paush Amavasya 2022 Date & Time

इस साल, 23 दिसंबर 2022, शुक्रवार के दिन पौष अमावस्या का व्रत रखा जाएगा। इस तिथि का समय व शुभ मुहूर्त इस प्रकार है-

पौष अमावस्या तिथि शुरुआत समय - 22 दिसंबर 2022, शाम 07:13 से
पौष अमावस्या तिथि समापन समय - 23 दिसंबर 2022, दोपहर 03:46 तक
स्नान-दान मुहूर्त - सुबह 05 बजकर 24 मिनट से 06 बजकर 18 मिनट तक
अभिजित मुहूर्त - दोपहर 12 बजकर 05 मिनट से 12 बजकर 47 मिनट तक

पौष अमावस्या का महत्व | Paush Amavasya 2022 significance

पौष अमावस्या के दिन पितरों के निमित्त पूजा पाठ एवं दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है। माना जाता है की इस दिन पूर्वजों का स्मरण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है और वे सुख-समृद्धि का आशीर्वाद प्रदान करते है। इस दिन व्रत रखने से न सिर्फ पितृ प्रसन्न होते है बल्कि सूर्य देव समेत बहुत से देवतागण प्रसन्न होकर, जीवन शुभ फल प्रादान करते है।


पौष अमावस्या के दिन करें ये काम | Paush Amavasya 2022 dos

1. इस दिन सूर्यदेव को अर्घ्य दें। अर्घ्य देते समय तांबे के लौटे का ही प्रयोग करें।
2. सूर्यदेव को जल अर्पित करने के बाद अपने पितरों का स्मरण करें और उनसे दोष की मुक्ति की प्रार्थना करें।
3. इस दिन पितरों के लिए उनका पसंदीदा भोजन तैयार करें और उनके नाम का भोजन गाय, कुत्ते और कौवे को खिलाएं।
4. भोजन के बाद पीपल के पेड़ के नीचे अपने पूर्वजों के नाम का एक दीया प्रज्वल्लित करें।
5. इस दिन जरूरतमंदों को दान अवश्य करें। पौष अमावस्या के दिन दान का विशेष महत्व बतया जाता है।

पौष अमावस्या व्रत के साथ, आप इस दिन घर में पितृ दोष निवारण यंत्र (pitra dosh nivaran yantra) की भी स्थापना कर सकते है। इस यंत्र के नियमित पूजन से न सिर्फ आपको पितृ दोष से जुड़ी सभी प्रकार के दोषों से मुक्ति मिलेगी, बल्कि काल सर्प जैसे दोषों से भी जल्द छुटकारा मिलेगा।

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