प्रभु श्री राम के सबसे बड़े भक्त हनुमान जी की जयंती को भारत के हर कोने में बड़ी धूमधाम से मनाया जाता है। प्रत्येक वर्ष हनुमान जी श्रद्धांजलि अर्पित करने के लिए हनुमान जयंती (hanuman jayanti) का यह शुभ अवसर मनाया जाता है। साल में एक नहीं बल्कि पुरे दो बार हनुमान जयंती का यह उत्सव मनाया जाता है। जहां एक ओर दक्षिण भारत में चैत्र पूर्णिमा को यह जयंती मनाई जाती है, वही उत्तरी क्षेत्र में यह दिन नरक चतुर्दशी या कृष्ण पक्ष में मनाया जाता है।
चैत्र माह में आने वाली हनुमान जयंती भगवान हनुमान के जन्म का प्रतीक मानी जाती है, वही दूसरी ओर कार्तिक माह में आने वाली हनुमान जयंती, हनुमान विजयम (हनुमान की जीत) का प्रतीक है। इन दोनों ही पर्वों का अपना एक अलग महत्व होता है। आस्था और भक्ति भाव को समर्पित इस त्यौहार को हिंदुओं के द्वारा बहुत हर्षोल्लास और धूमधाम के साथ मनाया जाता है। हनुमान जयंती के दिन, महाबली हनुमान को प्रसन्न करने के लिए, हनुमान यंत्र (hanuman yantra) का पूजन बहुत प्रभावशाली माना जाता है। इस यंत्र के पूजन से न केवल हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होंगे, बल्कि आपके जीवन में आने वाली सभी समस्याओं से भी निजात दिलाएंगे।
आइये आगे इस ब्लॉग में जानते है की हनुमान जयंती क्यों मनाई जाती है? और कैसे शास्त्रों में इन दोनों पर्वों को मनाने के पीछे अलग-अलग उद्देश्य और मान्यताएं बताई जाती है-
इस समय चैत्र का पावन महीना चल रहा है। ऐसे में चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि को हनुमान जयंती का यह पर्व मनाया जाता है। चैत्र माह में आने वाली यह हनुमान जयंती, उनके जन्मदिवस के उपलक्ष्य के रूप में मनाई जाती है। इस साल, 6 अप्रैल 2023 (hanuman jayanti 2023 date) के दिन अंजनी पुत्र हनुमान का जन्मोत्सव मनाया जाएगा।
जैसा की इस ब्लॉग की शुरुआत से हमें यह पता चला कि प्रत्येक वर्ष एक नहीं दो बार यह त्यौहार मनाया जाता है, आइये जानते है, दो बार इस जयंती को मनाने के पीछे का क्या कारण है-
Buy Hanuman yantraमान्यता है की भगवान हनुमान का जन्म चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि को राजा केसरी और माता अंजनी के यहां हुआ था। हनुमान जी का जन्म भगवान शिव के ग्यारहवें रुद्र अवतार के रूप माना जाता है। कहा जाता है कि रघुनंदन की सहायता के लिए ही आदियोगी भगवान शिव ने संकटमोचन के रूप में पृथ्वी पर जन्म लिया था।
हनुमान की धरती पर जन्म लेने के उपलक्ष्य में ही चैत्र नवरात्रि का यह पर्व देश ही नहीं बल्कि विश्वभर में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है। इस पावन दिन पर भक्तगण विभिन्न प्रकार के अनुष्ठान इत्यादि भी करते है और हनुमान जी मूर्ति को स्नान करा कर, विधि-विधान से उनका पूजन करते है। बजरंगबली के जन्मोत्सव के दिन हनुमान मंदिरों में भारी संख्या में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है। और हनुमान जी मूर्ति को स्नान करा कर, विधि-विधान से उनका पूजन करते है। बजरंगबली के जन्मोत्सव के दिन हनुमान मंदिरों में भारी संख्या में भक्तों की भीड़ देखने को मिलती है।
नरक चतुर्दशी के दिन हनुमान जयंती मनाने के पीछे बहुत से कारण बताएं जाते है। यह दिन हनुमान जी के जीत के प्रतीक के रूप में जानी जाती है। ऐसा माना जाता है कि जब माता सीता से भेंट करने के लिए हनुमान जी अशोक वाटिका पहुंचे थे, तब माता सीता ने हनुमान जी के भक्ति भाव और समर्पण को देखकर उन्हें जीवन भर अमर रहने का वरदान दिया था। कहा जाता है कि यह नरक चतुर्दशी का ही दिन था, जब माता सीता ने उन्हें प्रसन्न होकर यह वरदान दिया था।
यही कारण है की दिवाली से ठीक के दिन पहले दूसरी हनुमान जयंती का यह उत्सव, लाखों हिन्दुओं के द्वारा मनाया जाता है। इस हनुमान जयंती को विजय अभिनन्दन महोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है।
हनुमान जयंती (hanuman jayanti) के दिन केसरीनन्दन को प्रसन्न करने के लिए आप इन मंत्रो का उच्चारण कर सकते है। हालांकि आप इस दिन शक्तिशाली हनुमान यंत्र (hanuman yantra) की स्थापना कर उसका पूजन भी कर सकते है। आइये जानते है, क्या है हनुमान जयंती के प्रभावशाली मंत्र-
• 'ॐ हं हनुमते नम: ।'
• 'ॐ हं हनुमते रुद्रात्मकाय हुं फट।'
• 'ॐ अंजनिसुताय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि तन्नो मारुति प्रचोदयात्।'
Buy Hanuman yantra Locketभगवान हनुमान को देश भर में बजरंगबली, केसरीनंदन, अंजनीपुत्र और पवनपुत्र जैसे विभिन्न नामों से जाना जाता है। भगवान राम के भक्त के रूप में जग में विख्यात, बजरंगबली हनुमान एक ऐसे देवता है, जो साहस, निष्ठा और करुणा के प्रतीक है। हनुमान जयंती की इस पावन दिन पर, हनुमान जी विशेष कृपा प्राप्त करने के लिए आप इस दिन, श्री हनुमान चालीसा (hanuman chalisa) और सुंदरकांड (sunderkand) का पाठ अवश्य करें। इसके साथ ही हनुमान यंत्र (hanuman yantra) का भी पूजन करें।