भगवान विष्णु और उनके अवतार भगवान श्री कृष्ण को समर्पित एकादशी का, धार्मिक महत्व बहुत अधिक बताया जाता है। एकादशी की तिथि के दिन दान करना बहुत फलदायी माना जाता है। कहा जाता है, माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन विधि-विधान से व्रत रखने से ब्रह्मा हत्या जैसे पापों से भी मुक्ति मिल जाती है।
हर साल माघ शुक्ल पक्ष की एकादशी के दिन जया एकादशी का व्रत रखा जाता है। सभी कष्टों एवं पापों से मुक्त करने वाली, जया एकादशी के दिन विधि-विधान से भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। इस साल, बुधवार के दिन 1 फरवरी 2023 को ‘जया एकादशी’ का व्रत रखा जाएगा। आइये जानते है, धर्म शास्त्रों में जया एकादशी का क्या महत्व बताया जाता है, और इस दिन किस शुभ मुहूर्त पर पूजन किया जाएगा।
• जया एकादशी को बहुत फलदायक माना जाता है।
• इस व्रत को करने से ‘ब्रह्म हत्या’ जैसे पापों से मुक्ति मिल जाती है।
• यह व्रत सभी प्रकार के आर्थिक संकटों से मुक्ति दिलाने में सहायक है।
• जया एकादशी का व्रत करने से भूत-प्रेत और पिशाच की योनि मुक्ति मिलती है।
• इस दिन विधि-विधान से व्रत रखने से व्यक्ति को अश्वमेघ यज्ञ के बराबर पुण्य की प्राप्ति होती है।
जया एकादशी 2023 तिथि | बुधवार, 01 फरवरी 2023 |
माघ शुक्ल एकादशी प्रारंभ | 31 जनवरी 2023, सुबह 11:53 से |
माघ शुक्ल एकादशी समापन | 01 फरवरी 2023, दोपहर 02:01 तक |
व्रत पारण का समय | 02 फरवरी 2023, सुबह 07:09 से 09:19 तक |
1. इस दिन ब्रह्म मुहूर्त में उठे और एकादशी व्रत का संकल्प लें।
2. अब भगवान विष्णु को प्रणाम करें और पानी में गंगाजल मिलकर स्न्नान करें।
3. स्न्नान आदि के बाद स्वच्छ वस्त्र धारण करें और भगवान विष्णु कि तस्वीर या प्रतिमा रखें।
4. इस प्रतिमा पर पीले रंग के पुष्प,फल, मिठाई, धूप-दीप, अगरबत्ती आदि अर्पित करें।
5. पूजा संपन्न होने के बाद अंत में भगवान की आरती गाएं और प्रसाद सभी में वितरित करें।