हिन्दू धर्म में शुक्रवार का दिन माता लक्ष्मी को समर्पित है। माता लक्ष्मी विष्णु जी की पत्नी होने के साथ साथ धन और वैभव की देवी भी मानी जाती हैं। माता लक्ष्मी के बारे में तो आपने बहुत सुना होगा, परन्तु क्या आप अलक्ष्मी के बारे में जानते हैं? आइये पढ़ते हैं अलक्ष्मी की कहानी।
अलक्ष्मी देवी लक्ष्मी की बड़ी बहन हैं। इनका अवतरण भी समुद्रमंथन के समय ही हुआ था। हिंदू शास्त्रों के अनुसार अलक्ष्मी का रूप माँ लक्ष्मी से बिलकुल विपरीत था। विद्वानों का कहना है की माँ लक्ष्मी और माँ अलक्ष्मी कभी एक साथ नहीं रहती। ऐसा क्यों, इसका जवाब जानने के लिए ब्लॉग को अंत तक पढ़ें।
जहाँ गरीबी, कलेश और गंदगी होती है वहां अलक्ष्मी का वास होता है। इसलिए हम दिवाली से पहले घर व ऑफिस की साफ़-सफाई करते हैं जिससे अलक्ष्मी वहां से चली जाती है और दिवाली पर माँ लक्ष्मी हमारे घर-ऑफिस में पधारती हैं।
जब समुद्रमंथन हुआ तब वहां सभी देव और राक्षस उपस्थित थे। राक्षसों ने यह शर्त राखी की जिसका भी पहले अवतरण होगा वह राक्षस कुल में रहेगी। उन्होंने यह इसलिए कहा क्योंकि उन्हें यकीन था की सबसे पहले माँ लक्ष्मी ही अवतरित होंगी। परंतु ऐसा हुआ नहीं। सबसे पहले माँ अलक्ष्मी अवतरित हुईं। इनका रूप माता लक्ष्मी से बिलकुल विपरीत था। पीले बाल, लाल आँखें और कला मुख, यह है माता अलक्ष्मी का रूप जो माँ लक्ष्मी से विपरीत है। जब उनका अवतरण हुआ तब सभी ने उन्हें अस्वीकार किया। वहीँ जब माँ लक्ष्मी का अवतरण हुआ तब सभी उनको स्वीकार करने हेतु तैयार थे। स्वयं का ऐसा अपमान देख कर वे क्रोधित हो गयीं। उन्होंने यह श्राप दिया की आगे से लक्ष्मी और अलक्ष्मी एक साथ नहीं रहेंगीं। जहाँ अलक्ष्मी का वास होगा वहां लक्ष्मी नहीं ठहरेगी। जहाँ भी नकारात्मकता व गंदगी होगी वहां अलक्ष्मी का वास होगा। ऐसा कहकर वे पाताल लोक की ओर चली गईं।
जैसा की ऊपर बताया गया, जहाँ गंदगी होती है तथा कलेश होते हैं वहां अलक्ष्मी का वास होता है। इसलिए आप अपने घर व दफ्तर में साफ़-सफाई का विशेष ध्यान रखें। महीने में एक दफा घर व दफ्तर की अच्छे से सफाई करें। ऐसा करने से हम उन जगहों से अलक्ष्मी को जाने के लिए मजबूर करते हैं तथा माँ लक्ष्मी को आने का निमंत्रण। यही कारण है की घर के सभी सदस्य दिवाली से पहले घर व दफ्तर की साफ़-सफाई में लग जाते हैं। कुछ लोग दिवाली पे लक्ष्मी यंत्र भी स्थापित करते हैं। आप लक्ष्मी यंत्र यहाँ से खरीद सकते हैं घर में कूड़ा, टूटा हुआ फर्नीचर, पुराना सामान, टूटा कांच आदि जैसी वस्तुएं रखना नर्क के समान बताया गया है। ध्यान रखें की दिवाली के एक दिन पहले तक आप घर की अच्छे से साफ़-सफाई कर लें।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)