बिहार राज्य में स्थित गया जी भारत के प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक है। देश भर से लोग अपने पूर्वजों की पूजा करने के लिए इस स्थान पर एकत्रित होते हैं, जो प्रसिद्ध पितृ पक्ष मेले या श्राद्ध अनुष्ठान का प्रतीक है। यह एक महत्वपूर्ण हिन्दू अनुष्ठान के रूप में जाना जाता है, जो दिवंगत आत्मा की मुक्ति और उनके मोक्ष प्राप्ति के लिए किया जाता है। यहां हम आपको पितृ पक्ष में गया जी में आयोजित होने वाले लोकप्रिय पितृ पक्ष मेले के बारे में सम्पूर्ण जानकारी देने जा रहे है।
गया में पितृपक्ष मेला (Pitru Paksha Mela 2023) मुख्यतः सितंबर आयोजित होता है, जब देश भर से लोग अपने पूर्वजों के सम्मान में पिंडदान करने के लिए यहां आते है। पितृ पक्ष मेला भारत के बिहार राज्य के गया (pindaan in gaya ji) में आयोजित होने वाला एक महत्वपूर्ण मेला है। गया जी को दुनिया के सबसे पवित्र स्थानों में से एक माना जाता है। पिंड दान का यह मेला 16 चंद्र दिवसों पर मनाया जाता है, जिसके दौरान हिंदू भोजन अर्पित करके अपने पूर्वजों को श्रद्धांजलि देते हैं। आइये जानते है, आप कैसे इस पितृ पक्ष से जुड़ें अन्य महत्वपूर्ण तथ्य-
दुनिया भर से लोग 16 दिनों के पितृपक्ष मेले (Pitru Paksha Mela 2023) में अपने पूर्वजों को पिंडदान देने के लिए श्राद्ध अनुष्ठान में भाग लेते हैं। इस वर्ष 29 सितंबर 2023 (Pitru Paksha Mela Start date) से पितृ पक्ष मेला शुरू होगा और 14 अक्टूबर 2023 (Pitru Paksha Mela End Date) शनिवार को गया जी में समाप्त होगा। इस समय, दुनिया भर से लाखों लोग गयाजी की पवित्र भूमि पर श्राद्ध करने आते है।
• पितृ पक्ष मेले की उत्पत्ति का गौतम बुद्ध के समय से बताई जाती है। ऐसा कहा जाता है कि वह गया में पिंडदान करने वाले पहले व्यक्ति थे। हालाँकि, अन्य किंवदंतियों का भी पितृ पक्ष मेले से गहरा संबंध है।
• हिंदू पौराणिक कथाओं के अनुसार गया नाम का एक असुर इतना शक्तिशाली हो गया था कि देव भी उससे डरते थे। जिस कारण से सभी देवताओं ने मिलकर उसे मारने का फैसला किया। देवता उसका वध करने में सफल रहे, लेकिन राक्षस गया ने मरने से पहले अपनी एक आखिरी इच्छा जाहिर की। वह चाहता था कि उसका अंतिम संस्कार ग्रह के सबसे पवित्र स्थान पर किया जाए। उस समय से उस स्थान को अब गया जी कहा जाता है।
• यही कारण ही श्राद्ध सम्बंधित सभी अनुष्ठान मनाने के लिए हर साल पितृ पक्ष मेला आयोजित किया जाता है।
गया शहर का निकटतम रेलवे स्टेशन और हवाई अड्डा है, जो सभी बड़े शहरों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। गया सबसे आसानी से पहुंचने वाले शहर में से एक है। दिल्ली, लखनऊ और व अन्य किसी भी शहर से आप आसानी से ट्रेन और बस से जा सकते है।
1. इस बार मेले की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए करीब छह हजार पुलिस अधिकारी तैनात किये जायेंगे।
2. इसके अलावा, 36,544 तीर्थयात्रियों को ठहराने के लिए 368 निजी भवनों और पंडाल-धर्मशालाओं की भी व्यवस्था की गई है।
3. डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट ने कहा कि जिन निजी घरों एवं धर्मशालाओं में विभिन्न पंडा समुदाय के श्रद्धालु निवास करते हैं, उनका भौतिक निरीक्षण करने का निर्देश दिया गया है।
4. इसके साथ DM सभी स्थान की जानकारी जैसे अधिकारियों के फोन नंबर, होटल का नाम, धर्मशाला का नाम आदि को जिले के वेबसाइट पर अपलोड करने के लिए कहा है। ताकि तीर्थयात्रियों को आसानी से जानकारी मिल सके।
5. जिले के कलेक्टर ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिया कि किसी भी आवासीय परिसर में जलजमाव नहीं होना चाहिए। इसके लिए व्यापक सावधानियां बरतें और जल निकासी के लिए विशेष टीम भेजें।
6. पितृ पक्ष मेले के अवसर पर डीएम डाॅ. त्यागराजन ने पुलिस को प्रदर्शनी क्षेत्र में विभिन्न निजी होटलों और गेस्ट हाउसों में फिजिकल निरीक्षण करने का निर्देश दिया है।
यह कुछ महत्वपूर्ण व्यवस्थाएं हैं, जो जिला प्रशासन ने पितृ पक्ष मेले (Pitru Paksha Mela 2023) के लिए की है। इसके अलावा, तीर्थयात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अनेकों ऐसी व्यवस्थाएं की गई, जिससे उन्हें किसी परेशानी का सामना न करना पड़े।
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