हिन्दू धर्म में गुरुवार के दिन बृस्पति देव और भगवान विष्णु की पूजा का बहुत अधिक महत्व बताया जाता है। माना जाता है, जो भी व्यक्ति सच्चे मन से बृस्पति जी की इस दिन पूजा-अर्चना करता है, उसे सभी प्रकार के कष्टों से मुक्ति मिल जाती है। वेद पुराणों के अनुसार गुरुवार के दिन केले की वृक्ष की पूजा करना शुभ बताया जाता है।
आपने अक्सर देखा होगा की जो भी व्यक्ति गुरुवार का व्रत रखते है, वे न सिर्फ केले के वृक्ष की पूजा करते है, बल्कि इस पेड़ के पास बैठकर व्रत कथा आदि भी पढ़ते है, तो आखिर गुरुवार के दिन केवल केले के वृक्ष की पूजा का ही विधान क्यों है? आइये जानते इसके पीछे का महत्व व पूजन विधि-
धर्म शास्त्रों की मान्यताओं के अनुसार केले का वृक्ष एक ऐसा वृक्ष होता है, जिसमें स्वयं भगवान विष्णु का वास होता है। माना जाता है की, बृस्पतिवार के दिन केले के पेड़ की पूजा करने से भगवान विष्णु बहुत प्रसन्न होते है और जातक को मनवांछित फल प्रदान करते है।
गुरुवार के दिन केले के वृक्ष की पूजा करने से परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार होता है और गृह कलेश जैसी समस्याओं से भी छुटकारा मिलता है। इस पेड़ की पूजा का महत्व यही समाप्त नहीं होता है, बल्कि इसके अलावा भी यदि जातक के जीवन में बृहस्पति की दशा अनुकूल नहीं है या उसकी शादी में बार-बार रुकावटें आ रही है तो गुरुवार के दिन केले के वृक्ष के पूजन से यह सारी समस्याएं दूर भाग जाती है।
(Disclaimer: यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। Dharmsaar इसकी पुष्टि नहीं करता है।)
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