ज्येष्ठ हिन्दू धर्म में तीसरे महीने का नाम है, जिसे चंद्र हिन्दू कैलेंडर में ज्येष्ठ माह (jyeshta month 2023) कहा जाता है। हिन्दू धर्म के अनुसार, ज्येष्ठ विक्रम सावंत तीसरा महीना है। अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार ज्येष्ठ का यह माह मई या जून के महीने में पड़ता है। आम बोल-चाल की भाषा में इसे जेठ का मास भी कहा जाता है। हिन्दू पंचांग में आने वाले सभी महीनों का अपना एक अलग महत्व बताया जाता है, उसी प्रकार ज्येष्ठ मास का भी महत्व है।
ज्येष्ठ मास विक्रम संवत का तीसरा मास है। मान्यता है कि हिन्दू महीनों के ब्रह्मांड में मौजूद नक्षत्रों पर आधारित होते है। चन्द्रमा के चक्र के आधार पर मास का परिवर्तन निर्धारित किया जाता है। चंद्र जिस भी नक्षत्र में स्थित होता है, उसी नक्षत्र के आधार पर उस मास का नाम रखा जाता है। ज्येष्ठ मास की पूर्णिमा को चंद्रमा ज्येष्ठा नक्षत्र में रहता है, इसलिए इस मास को ज्येष्ठ मास कहा जाता है।
सनातन धर्म में ज्येष्ठ मास का धार्मिक महत्व बहुत अधिक बताया जाता है। ऐसा माना जाता है कि इसी माह में भगवान शनिदेव का जन्म हुआ था। इसके साथ ही मां गंगा का धरती पर अवतरण भी इसी माह में हुआ था। यही कारण है की ज्येष्ठ मास (jyeshta month 2023) को इतना महत्वपूर्ण माना जाता है। इन सभी के साथ जयेष्ठ मास में अन्य बहुत से प्रमुख व्रत-त्यौहार मनाएं जाते है। आज के इस ब्लॉग में हम इन्ही कुछ प्रमुख व्रत-त्यौहारों की व्रत-सूचि आपसे साझा करने जा रहे है।
साल 2023 में ज्येष्ठ माह शनिवार 6 मई 2023, (jyeshta month starting date 2023) होने जा रहा है, जो कि रविवार 4 जून 2023 (jyeshta month ending date 2023) को समाप्त होगा। इस महीने में आने वाले मुख्य व्रत-त्यौहार निम्न प्रकार से है-
तारीख (Date) | त्यौहार/ जयंती |
7 मई 2023 (रविवार) | देवर्षि नारद जयंती |
9 मई 2023 (मंगलवार) | अंगारकी चतुर्थी |
12 मई 2023 (शुक्रवार) | शीतलाष्टमी |
15 मई 2023 (सोमवार) | अचला एकादशी |
17 मई 2023 (बुधवार) | प्रदोष व्रत |
19 मई 2023 (शुक्रवार) | वट सावित्री व्रत, शनि जयंती |
20 मई 2023(शनिवार) | ज्येष्ठ मास शुक्लपक्ष प्रारंभ, करवीर व्रत |
22 मई 2023 (सोमवार) | पार्वती पूजा |
23 मई 2023 (मंगलवार) | वैनायकी गणेश चतुर्थी |
24 मई 2023 (बुधवार) | श्रुति पंचमी |
30 मई 2023 (मंगलवार) | गंगा दशहरा |
31 मई 2023 (बुधवार) | निर्जला एकादशी |
1 जून 2023 (गुरुवार) | चंपक द्वादशी |
4 जून 2023 (रविवार) | पूर्णिमा, संत कबीर जयंती |
ज्येष्ठ एक यह महीना बहुत धार्मिक माना जाता है, लेकिन इस माह में गर्मी का ताप भी अपने उच्च स्तर पर होता है। एकादशियों में श्रेष्ट्र माने जाने वाली निर्जला एकादशी (nirjala ekadashi 2023) का व्रत भी इसी महीने में रखा जाता है। ऐसे में इस महीने में खास तौर पर दान-पुण्य का खास महत्व बताया जाता है। इस माह में मिट्टी के घड़े का दान देना चाहिए। इसके साथ पशु-पक्षियों के पानी पीने कि उचित व्यवस्था भी करनी चाहिए। इन सभी उपायों को करने से व्यक्ति को न सिर्फ मोक्ष की प्राप्ति होती है, बल्कि समस्त पापों से भी मुक्ति मिलती है।
डाउनलोड ऐप