शिवरात्रि, भगवान शिव की आराधना का एक अत्यंत शक्तिशाली अवसर होता है। इस दिन, भक्त विशेष उपवास रखते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि की कामना करते हैं। श्रावण माह में आने के चलते इस शिवरात्रि का महत्व और भी बढ़ जाता है। इस शिवरात्रि के दिन, देशभर के शिव मंदिरों में भक्तों की भारी भीड़ देखने को मिलती है। इस पावन दिन पर, शिवलिंग पर कुछ विशेष वस्तुएं अर्पित करने का उल्लेख है।
तो आइए, जानते हैं सावन शिवरात्रि (Sawan Shivratri 2025) पर अर्पित की जाने वाली कुछ खास वस्तुएं और उनके लाभ।
सावन का महीना भगवान शिव को अत्यधिक प्रिय है। इस कारण, सावन में आने वाली शिवरात्रि का महत्व भी विशेष होता है। इस साल, कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि 23 जुलाई को है। शास्त्रों के अनुसार, सावन शिवरात्रि का व्रत 23 जुलाई, बुधवार (Sawan Shivratri 2025 Date) को रखा जाएगा।
शास्त्रों के अनुसार, सावन शिवरात्रि के दिन रात के समय यानी निशा काल में भगवान शिव की पूजा विशेष रूप से लाभकारी मानी जाती है।
सावन शिवरात्रि के लिए पूजा का शुभ मुहूर्त (Sawan Shivratri Puja Muhurat) इस प्रकार है-
प्रदोष काल पूजा समय | शाम 07:17 PM से रात 09:53 PM |
दूसरे प्रहर पूजा समय | रात 09:53 PM से रात 12:28 AM |
तीसरे प्रहर पूजा समय | रात 12:28 AM से देर रात 03:03 AM |
नारियल को शिव पूजा में पवित्र और कल्याणकारक माना जाता है। शिवलिंग पर यह अर्पित करने से जातक को शुभ फल मिलता है। यह समर्पण और संकल्प का प्रतीक है।
चीनी या शक्कर चढ़ाना भगवान शिव को प्रिय है। यह जीवन में आने वाली मिठास और सौहार्द का संकेत देती है। कई भक्त इसे पानी में घोलकर शिवलिंग पर अर्पित करते हैं।
गंगा नदी का जल अत्यंत पवित्र माना जाता है। सावन शिवरात्रि के पावन उपलक्ष्य पर शिवलिंग पर गंगाजल अर्पित करने से आत्मा की शुद्धि होती है। यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है।
शिवलिंग पर कच्चा दूध चढ़ाना एक प्रमुख अनुष्ठान है। सोमवार के दिन खासतौर पर शिवलिंग पर दूध अर्पित किया जाता है। मान्यता है कि इस विशेष उपाय से चंद्र दोष से मुक्ति मिलती है। इसके साथ तनाव से भी राहत मिलती है।
शिव पूजा में पान और सुपारी का खास महत्व है। पान जीवन का प्रतीक माना जाता है। यह ऊर्जा और सकारात्मकता का भी प्रतीक है। शिवरात्रि (sawan shivratri puja items) के दिन शिवलिंग पर पान और सुपारी चढाने के विशेष लाभ प्राप्त होते हैं।
शिवलिंग पर चंदन लगाना शांति और सौम्यता का संकेत है। इसका ठंडक देने वाला गुण भगवान शिव के शांत स्वभाव से जुड़ा है। सावन शिवरात्रि के दिन आप बिलपत्र पर चन्दन लगाकर अशोक सुंदरी पर अर्पित कर सकते है।
शिवलिंग पर जल अभिषेक करने के बाद शहद अर्पित करें। शहद को शिवरात्रि के पूजन में शामिल करना शुभ माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शहद शिवलिंग पर अर्पित करने से आसपास की नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।
सुगंधित और पवित्र केसर का उपयोग सावन शिवरात्रि पर विशेष अनुष्ठानों में किया जाता है। मान्यता है की शिवलिंग पर केसर अर्पित करने से बाबा महाकाल की असीम कृपा का अनुभव होता है। आप निशा पूजन के समय भी केसर अर्पित कर सकते है।
सावन शिवरात्रि (sawan shivratri special items) के समय भगवान शिव को मौसमी फल अर्पित करना बिल्कुल न भूलें। पुराणों में उल्लेख है कि शिवलिंग पर फल चढ़ाना, भगवान शिव के प्रति भक्ति व्यक्त करने का एक ही एक भाव है।
इसके साथ ही, आप भगवान शिव को उनकी प्रिय वस्तुएं जैसे- बेर, बेलपत्र और धतूरा भी अर्पित कर सकते हैं।
सावन शिवरात्रि और सोमवार को आक का फूल चढ़ाने की एक विशेष मान्यता है। यह फूल भगवान शिव को अत्यधिक प्रिय है। कहा जाता है कि आक का फूल चढ़ाने से भगवान शिव शीघ्र प्रसन्न होते हैं और भक्त की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।
इसके अलावा, सावन के माह में आप प्रतिदिन आक के फूल अर्पित कर सकते हैं। इस विशेष अनुष्ठान से जीवन में चल रही नकारात्मकता दूर होती है।