पौष का महीना आते ही देश में शीत ऋतू का आरंभ हो जाता है। मार्गशीर्ष मास समाप्त होने के तुरंत बाद पौष माह की शुरुआत हो जाती है। हिन्दू कैलेंडर में इस महीने को साल के 10वें महीने के रूप में जाना जाता है। पौष के महीने में धार्मिक कार्य करने का बहुत महत्व बताया जाता है।
पौष का यह पावन महीना सूर्यदेव के साथ भगवान कृष्ण को समर्पित होता है। इसके साथ ही यह, श्री कृष्ण के भक्तों के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। कहा जाता है इस महीने में धनु सक्रांति के बाद से किसी भी प्रकार के शुभ कार्य नहीं करने चाहिए। हालांकि पौष महीने में पूजा-पाठ एक विशेष महत्व बताया जाता है। इस मास को छोटे पितृ पक्ष के रूप में जाना जाता है। इस एक महीने के दौरान बहुत से मंदिरों में पौष बड़े महोत्सव का भी आयोजन होता है।
पौष के मास में बहुत से व्रत-त्यौहार मनाएं जाते है, जिनका धार्मिक महत्व बहुत अधिक माना जाता है ऐसे में यहां हम आपको इन्हीं व्रत-त्यौहार,जयंती एवं उत्सव के बारे में जानकारी देने जा रहे है, तो आइये जानते है-
साल 2022 में पौष का महीना 9 दिसम्बर 2022 से प्रांरभ होगा और 6 जनवरी 2023 तक चलेगा। इस महीने में पड़ने वाले व्रत-त्यौहार ,जयंती व उत्सव इस प्रकार से है-
तारीख (Date) | त्यौहार/ जयंती |
9 दिसंबर 2022 | पौष माह आरंभ |
11 दिसंबर 2022 | संकष्टी चतुर्थी व्रत |
16 दिसंबर 2022 | धनु संक्रान्ति, कालाष्टमी |
19 दिसंबर 2022 | सफला एकादशी व्रत |
21 दिसंबर 2022 | प्रदोष व्रत, मासिक शिवरात्रि |
23 दिसंबर 2022 | पौष माह की अमावस्या |
24 दिसंबर 2022 | चंद्र दर्शन |
26 दिसंबर 2022 | विनायक चतुर्थी |
27 दिसंबर 2022 | मंडला पूजा |
28 दिसंबर 2022 | स्कन्द षष्टी |
29 दिसंबर 2022 | गुरु गोबिंद सिंह जयंती |
30 दिसंबर 2022 | मासिक दुर्गाष्टमी |
01 जनवरी 2023 | नववर्ष प्रारंभ (2023) |
02 जनवरी 2023 | पौष पुत्र एकादशी व्रत, तैलंग स्वामी जयंती |
03 जनवरी 2023 | पौष पुत्र एकादशी व्रत पारण, कूर्म द्वादशी |
04 जनवरी 2023 | प्रदोष व्रत |
06 जनवरी 2023 | पौष पूर्णिमा, शाकंभरी पूर्णिमा, माघ स्नान प्रारंभ |