जगत के पालनहार विष्णु जी ने धर्म की स्थापना और अधर्म के विनाश के लिए धरती पर कई अवतार लिए है। इन्हीं में से एक है-नरसिंह जी। भगवान नरसिंह विष्णु के चौथे अवतार के रूप में जाना जाता है। भारत में भगवान नरसिंह को समर्पित कुछ चमत्कारी मंदिरों के बारे में उल्लेख मिलता हैं। मान्यता है की मंदिरों में दर्शन मात्र से आपकी सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। आज के इस ब्लॉग में हम आपको दक्षिण भारत में स्थित भगवान नरसिंह के इन्हीं मंदिरों के बारे में बताने जा रहे हैं।
कर्नाटक में स्थित नरसिंह स्वामी मंदिर एक प्रसिद्ध धार्मिक स्थल है। यह मंदिर भगवान विष्णु के उग्र अवतार, भगवान नरसिंह को समर्पित है। यहां उनकी मूर्ति उग्र रूप में विराजमान है। इस मंदिर दक्षिण भारत की अद्भुत वास्तुकला देखने को मिलती है। हर साल नरसिंह जयंती के मौके पर यहां भव्य पूजा और उत्सव आयोजित किए जाते हैं।
तमिलनाडु के नमक्कल में स्थित है अरुलमिगु श्री नरसिंहस्वामी मंदिर। माना जाता है कि इसका निर्माण 8वीं शताब्दी में पांड्या राजाओं ने करवाया था। भक्तों का विश्वास है कि यह मंदिर सिर्फ एक धार्मिक स्थल नहीं, बल्कि आत्मिक शांति का केंद्र है। कहा जाता है कि यहां आने से मन की परेशानियां दूर होती हैं।
यह मंदिर भगवान विष्णु के सिंहमुखी अवतार नरसिंह और उनकी शक्ति स्वरूपा प्रत्यंगिरा (लक्ष्मी जी का अवतार) को समर्पित है। यह मंदिर नौ प्रमुख नरसिंह तीर्थों में से एक है। यह चमत्कारी मंदिर आंध्र प्रदेश के रहस्यमय नल्लामाला जंगलों के बीच स्थित है। कहा जाता है कि यहीं भगवान नरसिंह खंभा तोड़कर प्रकट हुए थे। मान्यता हैं कि यहां दर्शन करने से मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
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तेलंगाना के यादगिरिगुट्टा में स्थित है श्री लक्ष्मी नरसिंह स्वामी मंदिर। जिसे लोग यादाद्री के नाम से भी जानते हैं। यह मंदिर अपने चमत्कारों और आध्यात्मिक ऊर्जा के लिए प्रसिद्ध है। पौराणिक कथा के अनुसार, यहां ऋषि यदऋषि ने एक गुफा में तपस्या की थी। वे ऋष्यशृंग और सांता देवी के पुत्र थे। उनकी भक्ति से प्रसन्न होकर भगवान नरसिंह ने यहां पांच रूपों में दर्शन दिए। इनके नाम है - ज्वाला नरसिंह, गंडभेरुंड नरसिंह, योगानंद नरसिंह, उग्र नरसिंह व लक्ष्मी नरसिंह।
श्री लक्ष्मी नरसिंह मंदिर, आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में स्थित है। यह मंदिर सिंहचलम हिल रेंज पर, समुद्र तल से लगभग 300 मीटर की ऊंचाई पर बना है। स्थानीय लोगों में इस मंदिर को 'सिंहचलम' के नाम से जाना जाता है। आंध्र प्रदेश में नर सिंह के 32 मंदिर हैं। हालांकि सिंहचलम सबसे प्रमुख तीर्थस्थल माना जाता है।
खास बात यह यही कि यहां भगवान की मूर्ति सालभर चंदन से ढकी रहती है। केवल अक्षय तृतीया पर ही असली स्वरूप के दर्शन होते हैं।
भगवान नरसिंह के इन चमत्कारी मंदिरों में आपको एक दिव्य ऊर्जा का अनुभव होता है। आपको भी भगवान नरसिंह के चमत्कारी मंदिरों (5 Lord Narasimha Temples) में आंतरिक शान्ति और सकारात्मकता का एहसास होगा। मान्यता है की सच्चे मन से यहां दर्शन करने से आपकी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। अगर आप दक्षिण भारत घूमने की योजना बना रहे हैं, तो इन मंदिरों को अपनी सूची में जरूर शामिल करें।