भारत देश में हर साल बहुत से व्रत-त्यौहार मनाएं जाते है। व्रत-त्यौहारों की इन्हीं सूचि में एक प्रमुख त्यौहार महाशिवरात्रि का भी है। महाशिवरात्रि का यह दिन, देश दुनिया में व्यापक सभी शिव भक्तों के लिए किसी त्यौहार के ही समान महत्वपूर्ण माना जाता है। इस दिन शिवालयों में भारी संख्या में भीड़ देखने को मिलती है। लगभग सभी शिव भक्तों के द्वारा इस दिन महाशिवरात्रि का व्रत संकल्प कर, विधि-विधान से शिव-पार्वती का पूजन किया जाता है।
महाशिवरात्रि (mahashivratri 2023) को मनाये जाने और इस दिन विधि-विधान से व्रत रखे जाने के पीछे के पीछे बहुत से धार्मिक महत्व बताए जाते है। सबसे पहले इस दिन, देवी आदिशक्ति और भगवान शिव का मिलन हुआ था, जिस कारण भगवान शिव के विवाह के उपलक्ष्य में धूमधाम से यह त्यौहार मनाया जाता है। जो भी कन्याएं मनवांछित वर की प्राप्ति करना चाहती है, वे सच्चे मन से इस व्रत का पालन करती है।
ऐसा माना जाता है कि महाशिवरात्रि का व्रत रखने से सभी प्रकार से पापों से छुटकारा मिलता है। यह व्रत इतना प्रभावशाली होता है, इसे श्रद्धापूर्वक रखने से आपको हर क्षेत्र में तरक्की मिलती है, चाहे फिर वह नौकरी हो या व्यापर। इस व्रत को रखने का महत्व और भी अधिक बढ़ जाता है, यदि आप इस दिन तिल या जौ इत्यादि से बनी वस्तुएं का दान करना चाहिए।
• इस पावन अवसर के दिन ब्रह्मचर्य का पालन करना उचित माना जाता है।
• महाशिवरात्रि के व्रत के दिन सोना वर्जित माना जाता है। इस दिन पुरे समय "ॐ नमः शिवाय" का जाप करना चाहिए।
• महाशिवरात्रि का व्रत रखने से एक दिन पहल किसी भी प्रकार का तामसिक भोजन और मदिरा का सेवन नहीं करना चाहिए।
• जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत रख रहे है, उन्हें अन्न नहीं खाना चाहिए। इस दिन व्रत रख रहे सभी व्यक्तियों को फलाहार पर ही रहना है।
• महाशिवरात्रि के दिन पूजा के दौरान आप भूलकर भी हल्दी, शंख, नारियल और केवड़े के पुष्प का बिल्कुल भी प्रयोग नहीं करना चाहिए।
• महाशिवरात्रि व्रत में रात में जागरण करने का विशेष महत्व बताया जाता है। ऐसा करने से आपको महाशिवरात्रि के व्रत का अधिक फल प्राप्त होगा।
1. इस दिन सुबह जल्दी उठे और महाशिवरात्रि व्रत का संकल्प करें।
2. यदि आप किसी मंदिर में पूजन के लिए जाते है, तो उस मंदिर के शिवलिंग में आप भगवान शिव के पूजन के लिए जा सकते है।
3. इसके अलावा आप घर में पारद या नर्मदेश्वर शिवलिंग की भी स्थापना कर सकते है।
4. इस शिवलिंग को स्थापित करने के बाद पंचामृत से उसका अभिषेक करें।
5. इसके पश्चात साफ़ जल से भगवान शिव का अभिषेक करें और चन्दन का तिलक भगवान को लगाएं पुष्प, फल इत्यादि अर्पित करें।
6. अब भगवान शिव के सामने धुप, अगरबत्ती जलाएं और एक दीया प्रज्वल्लित करें।
7. पूजन संपन्न करने के बाद शिव पुराण, शिव भजन ,शिव चालीसा, श्री रुद्राष्टक और भोलेबाबा के मंत्रो का जाप करें।
8. महाशिवरात्रि व्रत के दौरान सात्विकता का पालन करें और भगवान को भोग लगाने के बाद ही व्रत का पारण करें।
शिव का यह व्रत एक निश्चित समय तक नहीं बल्कि पुरे दिन चलता है। ऐसे में आप शाम के समय भगवान शिव को सात्विक भोजन लगाकर, अपने व्रत खोल सकते है। महा शिवरात्रि का व्रत पाराण करने से पहले इस बात का विशेष ध्यान रखे की आप चतुर्दशी की तिथि के समापन से पहले ही व्रत को खोले।
महाशिवरात्रि व्रत के दौरान किसी भी प्रकार के अन्न व नमक का प्रयोग नहीं करना चाहिए। इस दिन आप भोजन में साधारण नमक की जगह पर सेंधा नमक का इस्तेमाल कर सकते है। महशिवरात्रि व्रत में खाए जाने वाला उपयुक्त भोजन इस प्रकार से है-
• कुट्टू (आटे) की पूरी
• साबूदाने की खिचड़ी
• गाजर का हलवा
• राजगिरी के आटे का हलवा
• सिंघाड़े के आटे का हलवा
• खट्टे फल को छोड़कर सभी प्रकार के फल
• सेंधा नामक में तली हुई मूंगफली व मखाने
इन सभी वस्तुओं के अलावा आप आलू से बनी चीजों का भी व्रत में सेवन कर सकते है। इस दिन विधि-विधान से भगवान का पूजन कर भगवान शिव की आरती अवश्य गाए। महाशिवरात्रि (mahashivratri 2023) का यह व्रत अनेक सुखों को प्रदान करने वाला माना जाता है।
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